पाकिस्तान में बसे हिन्दू परिवारों ने कुछ इस तरह मनाई दीवाली, देखें तस्वीरें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Oct, 2017 08:17 AM

in pakistan hindu families celebrated diwali like this

जब लव ने बसाया लाहौर,  और कुश ने बसाया कसूर,  तो मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र के वनवास से लौटने की याद में मनाए जाने वाले पर्व दीवाली से भला कैसे अछूता रह सकता है- पाकिस्तान! पाकिस्तान के प्रिंट व इलैक्ट्रानिक मीडिया का सबसे बड़ा जमावड़ा इस...

जब लव ने बसाया लाहौर, 
और कुश ने बसाया कसूर, 

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तो मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र के वनवास से लौटने की याद में मनाए जाने वाले पर्व दीवाली से भला कैसे अछूता रह सकता है- पाकिस्तान! पाकिस्तान के प्रिंट व इलैक्ट्रानिक मीडिया का सबसे बड़ा जमावड़ा इस बार 9 प्रतिशत हिन्दू आबादी वाले सिंध प्रदेश की राजधानी कराची स्थित प्राचीन स्वामी नारायण मंदिर में था, पुलिस भी सबसे ज्यादा वहां तैनात की गई थी। मंदिर परिसर में हिन्दू परिवारों के बच्चों ने भारतीय गीतों की धुनों पर भी धमाल मचाया। इन लम्हों की चश्मदीद गवाह शाजिया हसन ने चारों तरफ दीयों से जगमगाता परिसर देखा। बच्चों द्वारा चलाई जा रही फुलझडिय़ों और पटाखों का आनंद उठाया। जिस निपुणता से बच्चियों ने रंगोली सजाई, उसे देखकर मेहमान गद्गद हो रहे थे। विधिवत दीपावली पूजन किया गया।
विशेषता यह भी रही कि मंदिर के प्रवेश द्वार पर हर कोई मोमबत्ती जलाकर ही भीतर कदम रख रहा था। मंदिर की बिजली की लडिय़ों से की गई सजावट देखते ही बनती थी। प्रति वर्ष यही मंदिर दीपोत्सव का केंद्र बिंदू रहता है।

 

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रंगबिरंगी पोशाकों में सजी महिलाओं का कहना था कि इस बार मिठाइयों की भी जमकर खरीददारी हुई। लड्डू, गुलाबजामुन व बर्फी के गिफ्टपैक 500 रुपए प्रति किलो के भाव बिके, जबकि सबका पसंदीदा हलवा 550 रुपए के भाव था। दुकानदार इस बात की गारंटी दे रहे थे कि बेकरी में अंडा बिल्कुल इस्तेमाल नहीं किया गया। इधर पश्चिमी पंजाब की सांस्कृतिक राजधानी लाहौर में दीपोत्सव का मुख्य केंद्र था रावी रोड स्थित श्री कृष्णा मंदिर। यहां मुस्लिम व ईसाई परिवार भी आमंत्रित थे। पाकिस्तान के प्रमुख हिन्दू नेता डा. मनोहर चंद मेहमानों की अगवानी करवा रहे थे, उनकी धर्मपत्नी सुनीता महिलाओं में मिठाई वितरित करने में जुटी हुई थीं। 

 

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इस दीपोत्सव में वक्फ बोर्ड पाकिस्तान के अध्यक्ष सिद्दीक-उल-फारुक मौजूद थे। उनका कहना था कि इस मंदिर के अलावा रावलपिंडी स्थित श्री कृष्णा मंदिर, पेशावर के बारी मंदिर व सक्खर स्थित साधु बेला मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया है। महाशिवरात्रि पर जब भारतीय यात्री इस बार चकवाल जिला में स्थित श्री कटासराज धाम पर जाएंगे तो उन्हें सुविधाओं में विस्तार का आनंद अनुभव होगा।        
 

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