Edited By Lata,Updated: 15 Aug, 2019 12:19 PM
आज स्वतंत्रता दिवस के इस खास मौके पर हर किसी के मन में खुशी की एक लहर दौड़ रही है।
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आज स्वतंत्रता दिवस के इस खास मौके पर हर किसी के मन में खुशी की एक लहर दौड़ रही है। बता दें इस बार 73वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। जिसके साथ ही हर किसी के मन में उत्साह और नई उम्मीद जाग रही ही है कि हमारा देश दिन प्रतिदिन नए-नए विचारों के साथ आगे बढ़ रहा है। तो चलिए आज इस खास मौके पर याद करते हैं उन वीर जवानों के संदेश, जिस पढ़कर हर किसी की आंखें नम हो जाएंगी।
‘सामाजिक क्रांति के लिए नौजवानों को देश में कामगार बनकर भाग लेना चाहिए। देश में नेताओं की कमी नहीं है। बिल्कुल एकाग्र होकर तहेदिल से त्रिमुखी कामनाओं, सेवा, संघर्ष और बलिदान को अपना लक्ष्य बनाएं।’’ (शहीदे आजम सरदार भगत सिंह, 1928)
‘‘गुलामी किसी भी प्रकार की हो, मानव जाति के लिए बहुत बड़ी शर्म की बात है।’’ (सतगुरु राम सिंह नामधारी, 1872)
‘‘ऐ मेरे देश के लोगो, अगर मेरे बलिदान और कुर्बानी से मैं गुलामी को दूर भगा सकूं तो मेरी कामना पूरी होगी।’’ (बलवंत फड़के, 1889)
‘‘जिसे हिंदुस्तान को स्वतंत्र देखने की चाह है और उसे स्वतंत्र कराना चाहता है तो वह ग्रामीण जनता के हालात सुधारने का प्रयत्न करे और बेहतर होगा कि नई पीढ़ी के नौजवान देशभक्ति को अपनाएं।’’ (शहीद रामप्रसाद बिस्मिल, 1927)
‘‘सभी धर्म एक ही मंजिल पर पहुंचने के साधन हैं तो बगैर मतलब की तंगदिली और अंतर क्यों? रास्ते बेशक अलग हों मगर मंजिल एक ही है। अपने देश को आजाद कराओ ताकि हिंदुस्तान आजाद हो और सब भाई खुशहाल जीवन व्यतीत करें।’’ (शहीद अशफाकउल्ला खान, 1927)
‘‘अभी मैं आपको भूख, प्यास, दु:ख, संघर्ष और मौत के अलावा कुछ नहीं दे सकता और यह बेमानी होगा कि हमारे में से कौन आजाद हिंदुस्तान को देख पाएगा। इतना ही काफी है कि हिंदुस्तान आजाद हुआ और हम अपना सब कुछ इसको आजाद देखने के लिए न्यौछावर कर देंगे।’’ (नेताजी सुभाष चंद्र बोस, 1945)
‘‘मेरे देश के प्यारे नौजवानो, अपनी जिम्मेदारी समझो और आजाद कौमों के तौर-तरीके अपनाओ। देश को हर पहलू से आगे बढ़ाओ।’’ (गदरी बाबा सोहन सिंह भकना, 1964)