Janmashtami: विदेशी ने बंदूक छोड़कर थामा श्री कृष्ण का हाथ, सत्य कथा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Aug, 2022 09:24 AM

indradyumna swami

जन्माष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। वैसे तो ये पर्व देश-विदेश में मनाया जाता है लेकिन ब्रज धाम में इन दिनों नंद लाल के जन्मदिन को लेकर अलग ही धूम है। हर कोई नन्द बाबा के लाल को प्रसन्न करने के लिए अपनी ओर से भरपूर...

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Janmashtami: जन्माष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। वैसे तो ये पर्व देश-विदेश में मनाया जाता है लेकिन ब्रज धाम में इन दिनों नंद लाल के जन्मदिन को लेकर अलग ही धूम है। हर कोई नन्द बाबा के लाल को प्रसन्न करने के लिए अपनी ओर से भरपूर प्रयास कर रहा है। ऐसे में कुंडली टी.वी की टीम को कुछ दिनों पहले वृंदावन जाने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ। वहां उनकी भेंट इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के सदस्य इंद्रद्युम्न स्वामी से हुई। जो विदेशी होते हुए भी कृष्ण प्रेम का प्याला पिए हुए हैं। उनका मानना है की भारत की संस्कृति सबसे गहरी है।

PunjabKesari Indradyumna swami

इंद्रद्युम्न स्वामी का जन्म अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में हुआ। उनका जन्म तो विदेशी धरती पर हुआ लेकिन ह्रदय से वह भारत के ब्रज धाम वृंदावन के हैं। वे वियतनाम में फौजी थे। उन्होंने अपने देश की रक्षा के लिए बहुत सारे सैनिकों को मारा, एक दिन उनकी अंर्तआत्मा ने उनसे प्रश्न किया, मैं कौन हूं ? भगवान से मेरा क्या संबंध है ? मुझे क्या प्राप्त करना है ? मेरा लक्ष्य क्या है ?

इन प्रश्नों का उत्तर प्राप्त करने के लिए बहुत सारे धार्मिक ग्रंथों को पढ़ा लेकिन उन्हें कहीं शांति नहीं मिली। जब उन्होंने श्रीमद्भगवत गीता को पढ़ा तो उन्हें संपूर्ण ज्ञान मिला जो वो खोज रहे थे। बंदूक को छोड़ कर जप माला को पकड़ लिया। जिससे वे महामंत्र का जाप करते हैं, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।

भगवत गीता के जो 700 श्लोक हैं, वे व्यक्ति को ज्ञान प्रदान करते हैं। आप लोग ये जानकर आश्चर्यचकित हो जाएंगे कि पूरा विश्व इस ज्ञान का अवलोकन करता है। उन्होंने कहा मेरा घर वृंदावन है। जहां साढ़े 5000 वर्ष पहले श्री कृष्ण पैदा हुए थे। इंद्रद्युम्न स्वामी  विश्व भ्रमण करते हैं जो अज्ञान से परिपूर्ण लोग हैं, उन्हें श्री कृष्ण भक्ति का ज्ञान देते हैं।

PunjabKesari Indradyumna swami

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

PunjabKesari Indradyumna swami

कैलिफोर्निया में 22 वर्ष की आयु में भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद के शिष्य बने। उन्होंने संन्यास धारण किया और कृष्ण मंत्र का प्रचार-प्रसार आरंभ किया। संसार भर में वह अपनी यात्रा और प्रचार गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने अपने दुश्मनों को भी हरि नाम देकर उनका कल्याण किया। आज से 50 साल पहले उन्होंने श्रीकृष्ण की भक्ति के अंदर प्रवेश किया, अब वो 72 साल के हैं।

उन्होंने भारतीयों से प्रार्थना की अपनी संस्कृति और धार्मिकता से कभी भी विमुख न हों। ये सबसे महत्वपूर्ण चीज है, जो आपके पास है। उन्होंने कहा वह आजकल देखते हैं की जो भारत के लोग हैं, वे पाश्चात्य की तरफ अपना रुझान कर रहे हैं। पाश्चात्य संस्कृति बुरी नहीं है, उस पर देखा जा सकता है लेकिन कहीं न कहीं उनका पालन भी किया जा सकता है, जब तक संस्कृति के ऊपर बात न आ जाए।  

इंद्रद्युम्न स्वामी द्वारा चलाए जा रहे वुडस्टॉक फेस्टिवल और पोलैंड फेस्टिवल विश्व विख्यात हैं। इनके माध्यम से ये आम जनमानस को भारत विशेषकर ब्रज संस्कृति के दर्शन करवाते हैं।

PunjabKesari kundli

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!