Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Feb, 2021 11:39 AM
एक जगह धार्मिक प्रवचन चल रहा था। संत के द्वारा दान की महिमा का वर्णन किया गया। अंत में उपस्थित श्रोता समूह ने संत के कहने पर दान के लिए धन की गंगा बहा दी।
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What is Daan- एक जगह धार्मिक प्रवचन चल रहा था। संत के द्वारा दान की महिमा का वर्णन किया गया। अंत में उपस्थित श्रोता समूह ने संत के कहने पर दान के लिए धन की गंगा बहा दी।
प्रवचन सुनने वालों में एक गरीब महिला भी थी। उसे लगा कि दान की महिमा तो बहुत है मगर मेरे पास तो कुछ नहीं है। मैं क्या दान करूं? उसने संत के पास जाकर अपनी बात कही। गरीब महिला की बात सुनकर संत ने कहा, ‘‘तुम क्या करती हो?’’
महिला ने कहा, ‘‘मैं प्रतिदिन आटा मांग-मांग कर अपना
गुजारा करती हूं।’’
संत ने एक छोटा-सा मटका उसे देते हुए कहा, ‘‘तुम जब भी रोटी बनाने बैठो, तब एक चुटकी भर आटा इस मटके में डालना।’’
वह महिला चली गई। प्रतिदिन वह आटा मांगने जाती और रोटी बनाते समय मटके में चुटकी आटा डालती। कुछ दिनों बाद वह मटका आटे से भर गया। वह महिला मटका लेकर संत के पास गई और उनसे पूछा कि अब क्या करूं?
संत ने जवाब दिया, ‘‘उस दिन सब लोग दान कर रहे थे, तब तुम्हें अफसोस था कि मेरे पास कुछ नहीं है, क्या दान करूं?’’
महिला ने हां कहते हुए सिर हिलाया। संत ने फिर कहा, ‘‘लोगों ने तुम्हें दान में आटा दिया था, उसमें से तुमने चुटकी भर हिस्सा अलग रखा था। अब वह आटा तो तुम्हारा हुआ। अब इस आटे से रोटी बनाकर भूखों को खिलाओ, यही तुम्हारा श्रेष्ठ दान होगा।’’