Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Sep, 2017 12:56 PM
उन दिनों प्रख्यात कलाकार माइकल एंजलो की पूरे यूरोप में चर्चा थी। उनकी लोकप्रियता देखकर एक चित्रकार उनसे बड़ी ईर्ष्या करता था। वह सोचता था कि लोग उसकी प्रशंसा क्यों नहीं करते? क्यों न
उन दिनों प्रख्यात कलाकार माइकल एंजलो की पूरे यूरोप में चर्चा थी। उनकी लोकप्रियता देखकर एक चित्रकार उनसे बड़ी ईर्ष्या करता था। वह सोचता था कि लोग उसकी प्रशंसा क्यों नहीं करते? क्यों न वह एक ऐसा चित्र बनाए जिसे देखकर लोग माइकल एंजलो को भूल जाएं।
यह सोचकर उस चित्रकार ने एक स्त्री का चित्र बनाना शुरू किया। जब चित्र पूरा हो गया तो उसकी सुंदरता का परीक्षण करने के लिए वह उसे दूर से देखने लगा। उसमें उसे कुछ कमी लगी लेकिन कमी क्या थी यह समझ में नहीं आया। संयोग से उसी समय माइकल एंजलो उस तरफ से जा रहे थे। उनकी नजर चित्र पर पड़ी। उन्हें वह चित्र बहुत सुंदर लगा लेकिन उन्हें उसकी कमी भी समझ आ गई।
उन्होंने चित्रकार से कहा, ‘‘तुम्हारा चित्र तो बहुत सुंदर है पर इसमें जो कमी रह गई है वह कुछ खटक रही है।’’
चित्रकार ने माइकल एंजलो को कभी देखा नहीं था। उसने सोचा कि यह कोई कला प्रेमी होगा। उसने कहा, ‘‘कमी तो मुझे भी लग रही है।’’
एंजलो ने कहा, ‘‘क्या आप अपनी कूची देंगे? मैं कोशिश करता हूं।’’
कूची मिलते ही एंजलो ने चित्र में बनी दोनों आंखों में काली बिंदियां बना दीं। बिंदियों के लगते ही चित्र सजीव हो उठा।
चित्रकार ने एंजलो से कहा, ‘‘धन्य हैं! तुमने ‘सोने पे सुहागा’ का काम कर दिया। मेरे चित्र की सुंदरता बढ़ाने वाले तुम हो कौन?’’
एंजलो ने कहा, ‘‘मेरा नाम माइकल एंजलो है।’’ चित्रकार के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा।
वह बोला, ‘‘क्षमा करें। आपकी उन्नति देखकर में जलता था। आपको हराने के लिए ही मैंने यह चित्र बनाया था लेकिन आपकी कला-प्रवीणता और सज्जनता देखकर में शर्मिंदा हूं।’’ माइकल एंजलो ने उसे गले लगा लिया।