Interesting Story- पाप और अपराध का अंजाम है, घर में ऐसे बेटे का जन्म

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Jul, 2022 02:14 PM

interesting story

महाराष्ट्र के पहाड़ी प्रदेश में एक डाकू रहता था। लूट-खसूट करना उसका व्यवसाय था। दैव योग की बात है कि एक बनिया बहुत सी सम्पदा साथ लिए उस पहाड़ी मार्ग से अपने देश जा रहा था। वह डाकू के पंजे में पड़ गया।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Interesting Story- महाराष्ट्र के पहाड़ी प्रदेश में एक डाकू रहता था। लूट-खसूट करना उसका व्यवसाय था। दैव योग की बात है कि एक बनिया बहुत सी सम्पदा साथ लिए उस पहाड़ी मार्ग से अपने देश जा रहा था। वह डाकू के पंजे में पड़ गया। उसने डाकू से गिड़गिड़ा कर कहा कि मेरी धन सम्पदा बेशक ले लो परंतु मुझे मारो मत किन्तु निर्दयी डाकू ने उसकी प्रार्थना अनसुनी कर दी और धन दौलत लूटने के साथ उसकी हत्या भी कर डाली। बहुत-सा धन-माल हाथ लग जाने के कारण अब उस डाकू ने डकैती करना छोड़ दिया और एक धनी व्यक्ति की भांति रहने लगा। उसकी कोई संतान न थी। बुढ़ापे की अवस्था में पहुंचने पर एक सुकुमार पुत्र का जन्म हुआ। वह बेटा वृद्ध पिता को प्राणों से भी प्रिय था। पालन पोषण में अधिक व्यय करते हुए विवाह योग्य होने पर उसने एक सुंदर कन्या से उसका विवाह कर दिया। वृद्ध की मानो सभी कामनाएं पूर्ण हो गईं। 

PunjabKesari Interesting Story

उसके कुछ काल उपरांत उस लड़के को एकाएक ऐसा रोग हो गया कि उसे चारपाई पकड़नी पड़ी। पिता ने बहुत धन खर्च करके बड़े-बड़े प्रसिद्ध वैद्यों से उसकी चिकित्सा कराई और चतुर पंडितों से पूजा-पाठ करवा कर उसे बचाने का भरसक प्रयत्न किया परंतु उसका कोई उपाय सफल नहीं हुआ। धीरे-धीरे सभी ने उसके जीवित रहने की आशा छोड़ दी। इसी बीच एक दिन प्रात: रोगी को कुछ आराम सा मालूम हुआ। प्रसन्नता से उसके पिता का मुखमंडल खिल उठा। वह बेटे के पलंग पर एक और जा बैठा। 

पुत्र ने संकेत से बताया कि वह पिता से कोई गुप्त बात करना चाहता है। तब नौकर-चाकरों और वैद्यों को दूसरे कमरे में भेज दिया गया। 
एकांत पाकर पुत्र ने अपने पिता से कहा, ‘‘बाबू जी! आपने मुझे पहचाना भी?’’ 

पिता ने समझा लड़का बेहोशी में बक रहा है। उसने उसे दिलासा देकर कहा, ‘‘बेटा!  यह क्या कहते हो? तुम मेरे पुत्र हो, मैं तुम्हारा पिता हूं। वर्षों से हम साथ-साथ रह रहे हैं।’’

बेटे ने कहा, ‘‘मैं यह नहीं पूछता। आपको उस दिन की याद है जिस दिन आपने अमुक पहाड़ी रास्ते में एक बनिए को जान से मार कर उसका सर्वस्व लूट लिया था?’’ 

बूढ़े के सिर पर मानो गाज गिरी। उसने सोचा कि उससे यह बात किसने कह दी। उसने पूछा, ‘‘यह सब क्या कहते हो? वैद्य को बुलाता हूं।’’

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें

बेटे ने कहा, ‘‘देखिए, मेरे पास अब समय नहीं है। मरने से पहले मैं इस रहस्य को कह देना चाहता हूं। मैं वही बनिया हूं जिसे आपने बेरहमी से मार डाला था। मैं इस जन्म में आपका बेटा हूं। 

‘‘मैं जब से जन्मा हूं तब से लेकर आज तक मेरे लिए जितना रुपया पैसा खर्च किया गया है उसका हिसाब करने से आपको यह ज्ञात हो जाएगा कि उस बनिये का जितना धन आपने लूटा था, उतना ही खर्च हुआ है।’’ 

‘‘अब मैं जाता हूं। उस रुपए का ब्याज प्राप्त करने के लिए मैं अपनी छोटी आयु की पत्नी छोड़ कर जा रहा हूं। इसका भरण-पोषण आपको जीवन भर करना है।’’

PunjabKesari Interesting Story

इतना कह कर बेटे की मृत्यु हो गई। दुख, पाप, अपराध रूपी वृक्ष का ही विषमय फल है। जो पाप प्रवृत्ति से ईश्वरीय आज्ञाओं की अवज्ञा करते हैं अथवा पीड़ित, दुखी, भयभीत या शरणागत पर अमानुषिक अत्याचार करते हैं, अगले जन्म में या वर्तमान में उनकी ऐसी ही दुर्दशा होती है। इसलिए पाप करने से बचें, क्योंकि इसके दुख रूपी फल से बचा नहीं जा सकता। पुण्य या धर्म का मार्ग ही सुखकर है। प्रभु सर्वव्यापक, न्यायकारी और हमारे कर्मों का द्रष्टा है। उससे हम बच नहीं सकते, ऐसा विश्वास रखना चाहिए।

PunjabKesari kundli

 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!