Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Jun, 2022 09:47 AM
विश्व योग दिवस 21 जून को मनाते हैं। इसके पीछे एक खास बात भी है। यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। योग भी मनुष्य को लंबा जीवन प्रदान करता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नें 27 सितम्बर 2014
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International Yoga Day 2022: विश्व योग दिवस 21 जून को मनाते हैं। इसके पीछे एक खास बात भी है। यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। योग भी मनुष्य को लंबा जीवन प्रदान करता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नें 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 जून को विश्व योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। महासभा ने 90 दिन के अन्दर इस प्रस्ताव को पूर्ण बहुमत से पारित कर दिया। बताया जाता है सबसे कम समय इस प्रस्ताव को पास किए जाने का रिकॉर्ड भी बना। इसके बाद 21 जून, 2015 को पहली बार विश्व योग दिवस मनाया।
पीएम मोदी ने दुनिया में बढ़ाई लोकप्रियता
भारत का योग आज दुनिया भर में फैल गया है। पूरी दुनिया योग करके स्वस्थ रहने का मंत्र जान गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया के समक्ष योग करके उसकी लोकप्रियता को और भी ज्यादा बढ़ाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बदौलत पूरा संसार 21 जून को विश्व योग दिवस मनाता है। इसे मात्र एक दिन ही नहीं हनियमित रूप से प्रतिदिन योग करना चाहिए। इसलिए जरूरी है कि आप सिर्फ स्वयं ही योग न करें, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करते रहें। इसके साथ किसी बीमारी को दूर करने के लिए ही नहीं बल्कि स्वस्थ रहने पर सदा स्वस्थ बने रहने के लिए भी योग करना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में योग के लिए समय निर्धारित करना चाहिए। ऐसा नहीं है कि इसके किसी खास उम्र के लोग कर सकते हैं। बच्चों, बड़ों और बुजुर्गों सभी के लिए योग लाभदाय होता है। उम्र का कोई भी पड़ाव हो, उसके अनुसार योगासन है और उसका लाभ जिंदगी को दुरुस्त करने में मिलता है।
तन-मन-आत्मा की फिटनेस का आध्यात्मिक फार्मूला, ईश्वर की उपासना का माध्यम भी योग
योग, यह एक शब्द मात्र ही नहीं है। पूरी जीवनशैली है, वह भी आध्यात्मिकता और पावनता के साथ। तन-मन-आत्मा की फिटनेस का आध्यात्मिक फार्मूला है योग। योग करने का विधान पूजन से कम नहीं। मन की शुद्धि, स्वच्छ सोच और पूरी स्वच्छता के साथ योग किया जाता है। योग व्यक्ति को स्वस्थ ही नहीं बनाता, बल्कि ईश्वर की उपासना का माध्यम भी बनता है। संत-मुनि विभिन्न प्रकार के योग सेईश्वर को प्रसन्न करने का तप करते थे। गणित की भाषा में योग का मतलब जोड़ना होता है। संस्कृत में योग किसी विशेष अवसर-परिस्थिति और ग्रह-नक्षत्रों के समायोजन को कहते हैं। विभिन्न स्थितियों को एक साथ लाने को भी योग कहा जाता है लेकिन जब बात योगाभ्यास की हो तो योग का अर्थ शरीर के अंगों द्वारा ऐसे आसन और क्रियाओं को करना होता है, जिनसे व्यक्ति को लाभ होता है, स्वस्थ रहने की ऊर्जा मिलती है। वेद और उपनिषदों में योग का उल्लेख है। कठोपनिषद में योग का विवरण योगाभ्यास के रूप में दिया गया है।