Janmashtami 2020: लीलाएं ही नहीं श्री कृष्ण द्वारा दिए गए ज्ञान पर भी करें गौर, सफल होगा जीवन

Edited By Jyoti,Updated: 12 Aug, 2020 12:18 PM

janmashtami 2020 geeta updesh in hindi

जब भी श्री कृष्ण की बात होती है, तो सभी के दिमाग में केवल इनका नटखट मिजाज़ और इनकी लीलाएं ही आती हैं।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जब भी श्री कृष्ण की बात होती है, तो सभी के दिमाग में केवल इनका नटखट मिजाज़ और इनकी लीलाएं ही आती हैं। इसका कारण भी श्री कृष्ण स्वयं ही है क्योंकि श्री कृष्ण ने अपने संपूर्ण जीवन काल में हर काम को पूरा करने के लिए अपनी लीलाएं रची। अपने बचपन से लेकर संपूर्ण जीवन में उन्होंने पग पग पर अपने भगवान होने का प्रमाण दिया। यहां तक कि उन्होंने अपनी बाल्य अवस्था में जगतपिता ब्रह्मा के अहम दूर कर अपने परमेेश्वर होने का भी प्रमाण दिया था। 
PunjabKesari, Geeta Updesh, गीता उपदेश, Janmashtami 2020, Janmashtami, Krishna Janmashtami, Sri Krishna Janmashtami 2020, Lord Shri Krishna, Krishna Janmashtami 2020, Krishnashtami, SaatamAatham, Gokulashtami, Yadukulashtami, Srikrishna Jayanti, Sree Jayanti
इसके अलावा महाभारत में एक और अर्जनुन के सार्थी बनकर हर कदम पर उसका साथ दिया तो दूसरी युद्ध भूमि पर उसे गीता ज्ञान दिया। आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको श्री कृष्ण द्वारा गीता में बताई गई कछ ऐसी ही बातें बताने वाले हैं जिसमें इनकी लीलाएं नहीं बल्कि इनके द्वारा दिया गया है वो ज्ञान है। जिसके बारे में जानना हर किसी के आवश्यक है। चलिए देर न करते हुए आपको बताते हैं गीता में शामिल उन उपदेशों के बारे में जिन्हें अपनाने वाले व्यक्ति की एक तरफ़ जहां तमान परेशानियां दबर होती हैं तो दूसरी वह व्यक्ति एक सफल इंसान के रूप में समाज में अपनी एक अलग पहचान बनाता है। 


अस्थायी शरीर, स्थायी आत्मा-
महाभारत काल में युद्ध के दौरान श्री कृष्ण अर्जुन को अपदेश देते हुए कहते हैं कि जिस शरीर से मानव इतना प्रेम करता है, जिसे सुदंर और अच्छा बनाने में वो पूरा जीवन लगे देता है वो शरीर मात्र असल में कपड़े का टुकड़ा है। असल में शरीर नहीं आत्मा अमर है, वही है जो प्रत्येक जन्म में अलग-अलग कपड़े के टुकड़े में आती और जाती है। जिसका अर्थात ये हुआ कि मानव शरीर असल में आत्मा का अस्थाई कपड़ा है, प्रत्येक व्यक्ति की पहचान उसकी आत्मा से होती है न की शरीर से। 

PunjabKesari, Geeta Updesh, गीता उपदेश, Janmashtami 2020, Janmashtami, Krishna Janmashtami, Sri Krishna Janmashtami 2020, Lord Shri Krishna, Krishna Janmashtami 2020, Krishnashtami, SaatamAatham, Gokulashtami, Yadukulashtami, Srikrishna Jayanti, Sree Jayanti
कर्मों पर कभी न लगने दें ब्रेक-
इस संदर्भ में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को समझाते हुए कहते हैं कि कभी किसी व्यक्ति को अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हटना चाहिए। क्योंकि हर किसी को कर्मों के अनुसार ही फल मिलता है। जिसका अर्थ ये हुआ कि जैसा कर्म करेंगे वैसा ही फल परिणाम होगा। श्री कृष्ण कहते हैं अच्छे कर्म करते जाइए परंतु फल की चिंता न करें।


किसी वस्तु की अति होती है घातक-
प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में एक संतुलन बनाए रखना चाहिए,  किसी भी चीज की अति नहीं पालनी चाहिए। गीता का उपदेश हुए श्री कृष्ण अर्जुन को बताते हैं कि चाहे कोई भी चीज़ हो, अति करना हमेशा घातक सिद्ध होता है। ये अति फिर चाहे स्वभाव में मधुरता की हो या किसी से कड़वाहट की, दोनों ही नुकसानदायक होती है।
PunjabKesari, Geeta Updesh, गीता उपदेश, Janmashtami 2020, Janmashtami, Krishna Janmashtami, Sri Krishna Janmashtami 2020, Lord Shri Krishna, Krishna Janmashtami 2020, Krishnashtami, SaatamAatham, Gokulashtami, Yadukulashtami, Srikrishna Jayanti, Sree Jayanti

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!