शिव के प्रिय मास श्रावण में राम नगरी में झूला महोत्सव का आगाज अयोध्या

Edited By Jyoti,Updated: 02 Aug, 2022 10:46 AM

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शिव के प्रिय मास श्रावण में राम नगरी में झूला महोत्सव का आगाज अयोध्याअयोध्या: आदि देव शिव के प्रिय मास श्रावण के मौके पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में प्रसिद्ध सावन झूला महोत्सव रविवार से शुरू हो गया।  जिलाधिकारी नितीश कुमार...

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शिव के प्रिय मास श्रावण में राम नगरी में झूला महोत्सव का आगाज अयोध्याअयोध्या: आदि देव शिव के प्रिय मास श्रावण के मौके पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में प्रसिद्ध सावन झूला महोत्सव रविवार से शुरू हो गया।  जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि मणिपर्वत से शुरू हो रहे सावन झूला मेला श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन तक चलेगा। 12 दिनों तक चलने वाला सावन झूला मेले का मुख्य केन्द्र मणिपर्वत रहता है। इस दौरान रामजन्मभूमि, कनक भवन समेत रामनगरी के दो हजार से अधिक मंदिरों से भगवान श्रीराम निकल कर मणिपर्वत झूला झूलने आते हैं। मणिपर्वत मेेले में लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से भीड़ नियंत्रण व सुरक्षा का प्लान तैयार किया गया है। सावन झूला मेला में श्रद्धालु रिमझिम फुहारों में भी भव्य राम रस का रसास्वादन करते हैं और रात-रात भर मंदिरों में घूम-घूमकर विग्रहों को झुलाते हैं। इस समय छटा देखते ही बनती है। सावन में गाये जाने वाली कजरी गीतों का भी चारों ओर गूंज सुनाई देती है मणिपर्वत के मेले के दिन सीताराम झांकी को लेकर रामधुन गाते हुए श्रद्धालु मणिपर्वत पहुंचते हैं जहां वृक्षों में झूले डालकर भगवान के विग्रहों को झुलाया जाता है। 
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पूरे सावन में मंदिरों में दोनों समय भगवान विग्रहों को झुलाने की परम्परा है। मणिपर्वत पर पड़ने वाले झूलों में विग्रहों के अलावा छोटे-छोटे बच्चों को राम-सीता के रूप में सजाकर झुलाया जाता है। सखी सम्प्रदाय के लोग मनमोहक पोशाक पहनकर सोलह श्रृंगार करते हैं। इसी प्रकार 12 दिन तक चलने के बाद पूर्णिमा अर्थात् रक्षाबंधन के दिन मेला समाप्त हो जाता है। इस मेले में दूरदराज से श्रद्धालु आते हैं और मेले का आनंद उठाते हैं।
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डीएम ने बताया कि मणिपर्वत मेले में लाखों श्रद्धालु आते हैं ऐसे में टीले पर विराजमान भगवान सीताराम के दर्शन समूह में करना खतरा भरा होता है। इसके मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा मणिपर्वत तक काफी हद तक मरम्मत करायी जा चुकी है। खतरे जैसी कोई स्थिति नहीं है। मेला क्षेत्र को सात जोन में बांट कर सुरक्षा के लिये मजिस्ट्रेटों की तैनाती कर दी गयी है तथा बैरियर को भी चिन्हित स्थानों पर लगा दिया गया है। सुरक्षा के लिये पर्याप्त पुलिस बल की भी तैनाती की गयी है।

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