Jupiter Transit 2023: 22 अप्रैल को गुरु करेंगे गोचर, मकर राशि को सेहत संबंधी समस्याओं से मिलेगी राहत

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Feb, 2023 12:26 PM

आज बात करेंगे गुरु के गोचर की। 2023 में गुरु का गोचर मेष राशि में होगा फिलहाल गुरु अभी मीन राशि में हैं। 22 अप्रैल को गुरु राशि परिवर्तन करेंगे

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Jupiter Transit गुरु का राशि परिवर्तन: आज बात करेंगे गुरु के गोचर की। 2023 में गुरु का गोचर मेष राशि में होगा फिलहाल गुरु अभी मीन राशि में हैं। 22 अप्रैल को गुरु राशि परिवर्तन करेंगे और मेष राशि में गोचर करेंगे लेकिन ये गोचर अस्त अवस्था में होगा क्योंकि 30 मार्च के आस-पास गुरु अस्त हो जाएंगे। 30 अप्रैल को दोबारा उदय होने के बाद गुरु 4 सितंबर को वक्री हो जाएंगे और 31 दिसंबर को पुन: मार्गी होंगे। कुंडली में 12 में से 9 घरों  के ऊपर गुरु का प्रभाव पड़ता है। सबसे पहले गुरु दूसरे, पांचवें, नौवें और ग्यारहवें घर के कारक ग्रह हैं। दूसरा घर धन स्थान होता है। पांचवें घर से संतान देखी जाती है। नौवां भाग्य स्थान होता है और ग्यारहवां भाव आय का स्थान होता है। गुरु इन चारों भावों के कारक होते हैं। कुंडली में मीन और धनु राशि गुरु की होती है और गुरु की तीन दृष्टियां होती हैं। इस वजह से गुरु का गोचर बहुत ही मायने रखता है।

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मकर राशि: मकर राशि के जातक शनि की साढ़ेसती से गुजर रहे हैं। गुरु का गोचर अच्छा नहीं है। गुरु की धनु राशि आपकी कुंडली में बाहरवें भाव में होती है। मीन राशि तीसरे भाव में होती है। यदि महादशा गुरु की चल रही है तो हो सकता है उसके अच्छे फल आपको न मिलें। गुरु के फल आपकी कुंडली में शुभ भी रहेंगे और अशुभ भी।

गुरु जब चौथे भाव में गोचर करेंगे तब पंचम दृष्टि अष्टम भाव के ऊपर पड़ेगी। अष्टम भाव अचानक नुकसान और फायदे का भाव है। जब गुरु की दृष्टि इस भाव पर जाती है तो यदि किसी को बिमारी परेशान कर रही है तो उसके लिए ये शुभ है। बीमारी में राहत मिलने के आसार हैं।

अष्टम भाव से प्रॉपर्टी को भी देखा जाता है। यदि कोई प्रॉपर्टी से जुड़ा कोई विवाद चल रहा है तो वो भी सुलझने की संभावना है। रिसर्च स्टडी के भी अच्छे फायदे मिलेंगे। गुरु जब चौथे भाव में गोचर करेंगे तो सातवीं दृष्टि से सीधा देखेंगे दशम भाव को। दशम भाव आपका कर्म स्थान है। जॉब करने वालों, कारोबार करने वालों को इस गोचर से लाभ मिलने की संभावना है। कार्यस्थल में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा।

गुरु की नौवीं दृष्टि पड़ेगी वो पड़ेगी बाहरवें भाव के ऊपर यहां पर गुरु की अपनी राशि पड़ी है। बाहरवां भाव मोक्ष का है, नींद का भाव है। यहां पर भी आपको शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे।

तृतीय भाव में गोचर के कारण छोटे भाई के साथ मन-मुटाव होने की संभावना है। तीसरा भाव होंसले का भाव हो सकता है। फैसला लेने में आपको कोई दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है, यदि महादशा या अंतर्दशा चल रही है।

नरेश कुमार
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