Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Oct, 2017 10:53 AM
देवताओं के गुरु बृहस्पति को नव ग्रहों में सबसे शुभ कहा जाता है। व्यक्ति अपने जीवन में जो भी उपलब्धि हासिल करता है उसके पीछे गुरु ग्रह की स्थिति विशेष मानी जाती है। जन्मकुंडली में गुरु जितना मजबूत होगा, व्यक्ति
देवताओं के गुरु बृहस्पति को नव ग्रहों में सबसे शुभ कहा जाता है। व्यक्ति अपने जीवन में जो भी उपलब्धि हासिल करता है उसके पीछे गुरु ग्रह की स्थिति विशेष मानी जाती है। जन्मकुंडली में गुरु जितना मजबूत होगा, व्यक्ति सफलता के उतने ऊंचे मुकाम छूता है। आज 10 अक्टूबर की प्रात: 6.28 पर गुरु ने अपनी स्थिति बदली है। वह आने वाले 28 दिनों तक अस्त रहेंगे। 7 नवंबर को उदय होंगे। गुरु को सूर्य अस्त कर रहे हैं। इस अवधि में सभी शुभ कामों पर विराम लगेगा। विशेषकर शादी से संबंधित मंगल कार्यों पर। विवाह की बातचीत भी शुरू न करें अड़चने आ सकती हैं।
गुरु ग्रह पुरूषों से अधिक महिलाओं पर अपना प्रभाव रखता है। गुरू ग्रह के स्थिती बदलने से महिलाएं ही अधिक प्रभावित हो रही हैं। ज्योतिष विद्वानों का मानना है की यह समय कन्याओं और महिलाओं के लिए अच्छा नहीं है। उनका घर-परिवार और आर्थित पक्ष प्रतिकूल प्रभाव देगा। बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय, जिन पुरूषों की कुंडली में गुरु कमजोर हैं उन्हें भी ये उपाय करने से लाभ होगा।
हल्दी की गांठ पीले कपड़े में बांधकर पीले धागे में पिरोकर गले में पहनें।
हल्दी वाले पानी से मुहं धोएं।
देवी लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु को केला अर्पित करके ब्राह्मण को दे दें। स्वयं बृहस्पतिवार के दिन केला न खाएं।