Edited By Jyoti,Updated: 30 Jun, 2020 11:22 AM
*विपक्षी दलों का केंद्र के खिलाफ रुख होगा आक्रामक
जालंधर (धवन): बृहस्पति जोकि हिन्दू ज्योतिष में धीमी गति से चलने वाला ग्रह है, 30 जून को सुबह 5.25 बजे धनु राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं।
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*विपक्षी दलों का केंद्र के खिलाफ रुख होगा आक्रामक
जालंधर (धवन): बृहस्पति जोकि हिन्दू ज्योतिष में धीमी गति से चलने वाला ग्रह है, 30 जून को सुबह 5.25 बजे धनु राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। देश के प्रमुख ज्योतिषी संजय चौधरी के अनुसार धनु राशि में बृहस्पति वक्री अवस्था में ही संचार करेगा तथा 13 सितम्बर, 2020 को मार्गी अवस्था में आएगा। 23 नवम्बर को बृहस्पति पुन: मकर राशि में प्रवेश कर जाएगा जो उसकी नीच राशि है।
उन्होंने कहा कि बृहस्पति के धनु राशि में आने से देश-विदेश पर इसका गहरा असर पड़ेगा। भारत की कुंडली की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे भारत-चीन सीमा विवाद में अस्थायी तौर पर कमी आ सकती है। इसी तरह से पैट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमत पर भी लगाम लग सकती है। शनि तथा मंगल की स्थिति से पता चलता है कि भूमि मालिकों व किराएदारों के बीच में टकराव व विवाद बढ़ सकते हैं।
बृहस्पति अभी धनु राशि में केतु के साथ संचार करेगा इसलिए बृहस्पति पर राहू, केतु का थोड़ा बहुत असर भी रहेगा। इससे बैंकिंग क्षेत्र में कुछ समस्याएं बढ़ सकती हैं। भारत की कुंडली में शुक्र अगस्त महीने में मिथुन राशि में संचार करेगा जिससे अगस्त महीने में कोरोना वायरस की गिनती में बढ़ौतरी हो सकती है तथा देश के कुछ भागों में बाढ़ व भूकंप से नुक्सान होगा। आने वाले समय में कैबिनेट में भी कुछ फेरबदल होने के आसार हैं।
केंद्र में सत्ताधारी भाजपा को इस समय चंद्र महादशा में क्रूर ग्रह राहू की अंतर्दशा चल रही है जोकि 17 सितम्बर, 2019 से शुरू हुई थी। बृहस्पति के परिवर्तन से लोगों में पाई जा रही नाराजगी को देखते हुए केंद्र सरकार अपने सहयोगियों को संभालने की कोशिश करेगी तथा साथ ही जनता से जुड़े मसलों पर आत्ममंथन करेगी।
दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को बृहस्पति महादशा में चंद्रमा की अंतर्दशा चल रही है इसलिए कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपना सकती है। कुल मिलाकर बृहस्पति का धनु राशि में संचार लोगों को आध्यात्मिक विचारधारा से जोड़ेगा।