जानिए, ज्येष्ठ महीने में किन कामों को करने की है मनाही ?

Edited By Jyoti,Updated: 21 May, 2019 11:26 AM

jyeshta month starts

वैसे तो हिंदू धर्म में वर्ष में पड़ने वाले हर माह को अधिक महत्व प्रदान है। मगर भारतीय वर्ष के तीसरे महीने ज्येष्ठ मास को अन्य के मुकाबले ज्यादा अहमियत दी जाती है। कहा जाता है कि फाल्गुन माह की विदाई के साथ ही गर्मी शुरू हो जाती है।

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वैसे तो हिंदू धर्म में वर्ष में पड़ने वाले हर माह को अधिक महत्व प्रदान है। मगर भारतीय वर्ष के तीसरे महीने ज्येष्ठ मास को अन्य के मुकाबले ज्यादा अहमियत दी जाती है। कहा जाता है कि फाल्गुन माह की विदाई के साथ ही गर्मी शुरू हो जाती है। इसलिए ज्येष्ठ व जेठ माह को गर्मी का महीना कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस माह में जल की पूजा करने का विधान है। हिंदू धर्म के जल से संबंधित दो प्रमुख त्यौहार भी इस मास मनाए जाते हैं। पहला गंगा दशहरा और दूसरा निर्जला एकादशी। धार्मिक शास्त्रों में ज्येष्ठ के महीने में कुछ चीज़ों के बारे में बताया गया है,जिनके करने से आप न सिर्फ स्वास्थ्य रह सकते हैं बल्कि धनवान भी बन सकते हैं। तो आइए जानते हैं इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

ज्यादा सोने से बनते हैं रोगी
एक कहावत है कि ज्येष्ठ मास जो दिन में सोए,ओकर जर असाढ़ में रोए। इसका मतलब है जो व्यक्ति जेष्ठ के महीने में दिन में सोता है वह रोगी बन जाता है। इसके अलावा ज्येष्ठ में दोपहर में पैदल चलना भी मना है, इस समय धूप में चलने से व्यक्ति गंभीर बीमारी से पीड़ित हो सकता है।
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बैंगन खाने से लगता है दोष
इस महीने में बैंगन खाने से दोष लगता है। मान्यता है कि जिनकी जेष्ठ संतान जीवित हों उन्हें इस पूरे माह में इसके सेवन से बचना चाहिए। ज्येष्ठ महीने में बैंगन खाना संतान के लिए शुभ नहीं माना जाता है।

विवाह अशुभ
इस दौरान ज्येष्ठ पुत्र और ज्येष्ठ पुत्री का विवाह करना वैवाहिक जीवन के लिए शुभ नहीं होता है। धार्मिक मान्यताओं की मानें इस महीने में बड़े पुत्र और पुत्री का किया गया विवाह सफल नहीं हो पाता।

एक समय करें भोजन
अगर हो सके तो ज्येष्ठ के महीने केवल एक समय भोजन करें। महाभारत के अनुशासन पर्व में लिखा है-

ज्येष्ठामूलं तु यो मासमेकभक्तेन संक्षिपेत्।
ऐश्वर्यमतुलं श्रेष्ठं पुमान्स्त्री वा प्रपद्यते।।
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अर्थात- ज्येष्ठ के महीने में जो व्यक्ति एक समय भोजन करता है वह धनवान होता है और साथ ही इससे व्यक्ति स्वस्थ रहता है। जिससे चिकित्सा में उसका धन नष्ट नहीं होता।

तिल दान
इस शुभ और पावन महीने में तिल का दान करना बहुत उत्तम मान जाता है। शिवपुराण में वर्णित है कि इस महीने में तिल के दान से अकाल मृत्यु बाधा दूर होती है।

हनुमान जी की पूजा
पौराणिक मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ मास में श्रीराम जी से हनुमान जी की मुलाकात हुई थी इसलिए यह महीना हनुमान जी को बहुत प्रिय है। इस महीने में राम जी के साथ हनुमानजी की पूजा करना शुभ फलदायी होता है। ज्योतिष के अनुसार इस महीने में ही बड़ा मंगलवार आता है।
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