Edited By Jyoti,Updated: 29 May, 2019 06:28 PM
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के ग्रह और भाव व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालते हैं। आज हम आपको इस संदर्भ से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के ग्रह और भाव व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालते हैं। आज हम आपको इस संदर्भ से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं। गुरु ग्रह के बारे में इतना तो सब जानते ही हैं कि इन्हें नौ के नौ ग्रहों में से सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि जिसके जीवन में इनकी स्थिति अच्छी होती है उसके लाइफ में हर तरफ सफलता ही सफलता होती है। बल्कि कहा जाता है कुंडली में अगर गुरु मज़बूत हो तो सफलता का कदम चूमना बिल्कुल तय है। तो चलिए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें-
बृहस्पति खाना नंबर 4
दसवें घर में गुरु के शत्रु ग्रह हैं तो सवधानी बरतें। बदनामी हो सकती है। बहन, पत्नी और मां का सम्मान करें। यहां बैठे गुरु के कारण परेशानी हो रही है तो घर में मंदिर स्थापित नहीं करें। बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेने व नाग देवता को दूध पिलाने से भी राहत मिलती है।
बृहस्पति खाना नंबर 5-
औलाद ही दौलत और सुख-शांति है इसलिए उसे दुखी न करें। यदि अशुभ केतु ग्यारहवें घर में हो तो धर्म के नाम पर किसी से कुछ न लें। धर्मार्थ कोई भी काम न करें। किसी से भी दान या उपहार न लें।
बृहस्पति खाना नंबर 6-
बहन, मौसी, बुआ से अच्छा व्यवहार रखें। मेहनत से कमाएं पर ही गुजारा करें। लापरवाही और आलस्य को त्याग दें। प्राप्त चिजों की कदर करें। गुरु से संबंधित वस्तुओं का मंदिर में दान करें। मुर्गे को दाना देना डालें। साधु या पंडित को वस्त्र दान दें।
बृहस्पति खाना नंबर 7-
घर में मंदिर रखना वर्जित। कपड़ों का दान करना वर्जित। पराई स्त्री से संबंध न रखें। भगवान शिव की आराधना करें।
बृहस्पति खाना नंबर 8-
बृहस्पति के पक्के घरों में उसके शत्रु ग्रह हों तो उपाय करें। राहु से संबंधित जैसे गेहूं, सत्तू व नारियल को बहते जल में प्रवाह करें। 3.घी, आलू व कपूर मंदिर में दान करें।
बृहस्पति खाना नंबर 9-
धर्म विरुद्ध आचरण बर्बादी का कारण बन सकता है। रोज़ाना मंदिर जाएं चावल को जल में प्रवाहित करें। शराब से दूरी बनाए रखें।
बृहस्पति खाना नंबर 10-
शादी के बाद किसी भी दूसरी स्त्री से संबंध न रखें। अपने श्रम और कर्म पर ही भरोसा रखें। यदि शनि 1, 10, 4 में हो तो किसी को खाने या पीने की कोई भी वस्तु न दें। 4.धार्मिक स्थलों पर बादाम दान करें। माथे पर केसरिया तिलक लगाएं। तांबे के सिक्के को बहते पानी में डालें।
बृहस्पति खाना नंबर 11-
गरीबों की हर संभव मदद करें। पिता का अपमान न करें। 3.वादा खिलाफी न करें। संबंधों को बना कर रखें। सोने के आभूषण हमेशा धारण करें। पीपल के पौधे को जल चढ़ाएं। तांबे की चूड़ी या कड़ा पहनें।
बृहस्पति खाना नंबर 12-
गले में माला न पहने। वृक्ष काटने का काम न करें। गुरु या साधु का अपमान न करें। बहुत ज्यादा बोले नहीं। साधुओं की सेवा करें। पानी या सौंफ को बिस्तर के सिरहाने रखकर सोएं।