Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Jan, 2019 01:01 PM
हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को देव तुल्य माना गया है। गीता में भगवान कृष्ण ने खुद ये कहा था कि ''वृक्षों में मैं पीपल हूं।'' वैज्ञानिक रुप से भी इसका महत्व दूसरे पेड़ों की तुलना में अधिक है।
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हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को देव तुल्य माना गया है। गीता में भगवान कृष्ण ने खुद ये कहा था कि 'वृक्षों में मैं पीपल हूं।' वैज्ञानिक रुप से भी इसका महत्व दूसरे पेड़ों की तुलना में अधिक है। सप्ताह के सातों वारों में से रविवार को छोड़कर अन्य दिनों में इसकी पूजा की जाती है लेकिन शनिवार के दिन इसके पूजन का अलग ही महत्व है।
जॉब और बिजनेस में तरक्की के लिए शनिवार को सूर्यास्त के बाद 8 मुखी तिल के तेल का दीपक करें।
शनिवार की शाम पीपल के पेड़ की 7 परिक्रमा करने और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करने से पितर-दोष समाप्त होता हैं।
शनिवार को सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ पर चौमुखा तेल का दीपक जलाने से घर में धन, वैभव और यश बढ़ता है।
शनि के दुष्प्रभाव के कारण विवाह में देरी हो रही है तो शनिवार के दिन लकड़ी से पीपल के पास की भूमि खोदकर काला सुरमा दबाना चाहिए।
पीपल के पास आसन बिछाकर बैठ जाएं, फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा हर शनिवार करने से भविष्य में आने वाले सभी संकट टल जाते हैं।
ध्यान रखें-
घर की आंतरिक सुंदरता में फर्नीचर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। घर में फर्नीचर बनवाने के लिए बहेड़ा, पीपल, वटवृक्ष, पाकर, कैथ, करंज, गूलर आदि लकड़ियों का प्रयोग न करें। ऐसा करने पर सुख का नाश होता है।
घर के अंदर-बाहर पीपल का पेड़ होने से लाइफ में आए दिन कोई न कोई समस्या आती है।
घर में पीपल उग आए तो उसे काटना नहीं चाहिए। ऐसा करने से पितरों को कष्ट मिलते हैं तथा वंशवृद्धि की हानि होती है। पीपल के वृक्ष को काटना बहुत जरूरी हो तो उसे रविवार को ही काटा जा सकता है।
घर की पूर्व दिशा में पीपल का पेड़ लगा हो तो इससे घर में भय और निर्धनता आती है। उसका विधानपूर्वक पूजन करके गमले में शिफ्त करके मंदिर रख आएं।
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