Edited By ,Updated: 21 Nov, 2016 10:09 AM
तंत्रसार के अनुसार भगवान शंकर के अवतारों में भैरवनाथ विशिष्ट महत्व रखते हैं। नाथ संप्रदाय की तांत्रिक पद्धति में भैरव को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। सोमवार को
तंत्रसार के अनुसार भगवान शंकर के अवतारों में भैरवनाथ विशिष्ट महत्व रखते हैं। नाथ संप्रदाय की तांत्रिक पद्धति में भैरव को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। सोमवार को कालाष्टमी का आना शुभ संयोग है। भैरव उपायों के प्रयोग से व्यापार-व्यवसाय, जीवन में आने वाली कठिनाइयां, शत्रु पक्ष से आने वाली परेशानियां, विघ्न, बाधाएं, कोर्ट कचहरी आदि में जीत प्राप्त की जा सकती है बेशर्ते ये सब सूर्यास्त से लेकर आधी रात तक किया जाए।
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अलग-अलग मनोकामना के लिए करें भगवान भैरव के इन स्वरूपों की पूजा
यह तामसिक देवता हैं इसलिए इन्हें शराब बहुत प्रिय है लेकिन शाकाहार का अनुसरण करने वाले और वैष्णव इस विधि से उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं।
* दूध में दही, शहद और थोड़ा सिंदूर जब मिलाया जाता है तो इससे वैदिक मदिरा का निर्माण होता है। इसका भैरव बाबा को भोग लगाएं। आर्थिक समस्याओं का होगा अंत।
* वैज मांस का भोग लगाने के लिए उड़द में शहद, दही और सिंदूर मिलाएं। कोर्ट केस में मिलेगी सफलता।
इसके अतिरिक्त ये उपाय भी कर सकते हैं-
* भैरव जी का विधिवत पूजन कर उन्हें दही बड़े का भोग लगाकर किसी काले कुत्ते को खिलाएं।
* नीले रंग के फूल चढ़ाएं।
* उड़द से बने पकवान भैरव जी को भोग लगाएं।
* कड़वे तेल का दीपक लगाएं।
* इस मंत्र का करें जाप, भैरव बाबा लगाएंगे हर संकट से पार
अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्,
भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि!!
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com