Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Mar, 2022 08:59 AM
आज 25 मार्च शुक्रवार को कालाष्टमी के साथ-साथ शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। अष्टमी तिथि का शुभ मुहूर्त आज रात 10 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। वैसे तो प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी और शीतला अष्टमी आती है लेकिन
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Kalashtami 2022 : आज 25 मार्च शुक्रवार को कालाष्टमी के साथ-साथ शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। अष्टमी तिथि का शुभ मुहूर्त आज रात 10 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। वैसे तो प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी और शीतला अष्टमी आती है लेकिन चैत्र माह में इस पर्व का अत्यधिक महत्व रहता है। शास्त्रों में काल भैरव को भगवान शिव का ही एक रूप कहा गया है। ये भी माना जाता है कि काल भैरव में त्रिदेव की शक्तियां समाहित हैं। बाबा भैरव तंत्र-मंत्र के देवता हैं। विधि-विधान से इनकी पूजा करने से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। तंत्र शक्ति में विजय प्राप्त करने के लिए काल भैरव की साधना करनी आवश्यक है। तभी हर काम में सफलता प्राप्त होती है।
जॉब में प्रमोशन, कारोबार में मुनाफा, कर्ज से छुटकारा और मन की हर दुविधा को दूर करने के लिए काल भैरव की उपासना करनी चाहिए। जैसा की बाबा के नाम से ही स्पष्ट है, भैरव शब्द का अर्थ है भय को हराने वाला। अत: भगवान भैरव की पूजा करने वाला व्यक्ति हर तरह के भय से मुक्त हो जाता है।
वैसे तो आज के दिन बाबा भैरव के मंदिर अवश्य जाना चाहिए। अगर संभव न हो तो घर पर ही भगवान शिव के चित्र अथवा स्वरुप के आगे सरसों के तेल का चौमुखा दीपक जलाएं, काल भैरव चालीसा का पाठ करने के बाद आरती करें और सरसों के तेल में बनी वस्तुओं का भोग भी लगाएं।