Edited By Niyati Bhandari,Updated: 27 Jul, 2022 09:14 AM
राजधानी में मंगलवार को पूरे दिन डीजे पर बजते गानों के बीच पैरों में घुंघरू बांधे अपनी तपस्या को फलीभूत होते देख शिवभक्त कांवड़ियों ने जमकर ठुमके लगाए। मंदिरों में सुबह 4 बजे से
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नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स) : राजधानी में मंगलवार को पूरे दिन डीजे पर बजते गानों के बीच पैरों में घुंघरू बांधे अपनी तपस्या को फलीभूत होते देख शिवभक्त कांवड़ियों ने जमकर ठुमके लगाए। मंदिरों में सुबह 4 बजे से ही जलाभिषेक प्रारंभ हो गया था। दूर-दूर तक कांवड़ियों की लंबी-लंबी कतारें मंदिरों में देखने को मिल रही थीं। कई जगह कांवड़ लाने वाले शिवभक्तों के लिए उनके परिजनों द्वारा ढोल बजाकर स्वागत का भी इंतजाम किया गया था। आखिर हो भी क्यों ना पूरे दो साल तक पूरी धैर्यता के साथ अपने ईष्टदेव को जल अर्पित करने के लिए इंतजार जो किया था।
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दिल्ली के प्राचीन गौरी शंकर मंदिर को कांवड़ियों की सुविधा के लिए आधी रात को ही खोल दिया गया था। यहां लंबी कतारों में देर रात तक कांवड़िए जलाभिषेक करने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दिए। वहीं झंडेवाला मंदिर व छतरपुर मंदिर में सुबह से ही जलाभिषेक करने वालों का तांता लगा रहा। हर ओर से सड़कों पर शिवभक्त कांवड़ियों के जत्थे आते दिखाई दे रहे थे। उत्तम नगर के मोहन गार्डन में ऊं शिव शक्ति डाक कांवड़ की ओर से 19वीं डाक कांवड़ लाई गई थी। कांवड संगठन से जुड़े पवन गुप्ता ने बताया कि कोरोना के चलते पिछले दो सालों से वो जलाभिषेक नहीं कर पा रहे थे लेकिन इस साल डाक कांवड़ लाकर उनके संगठन के सभी युवा काफी खुश हैं। छावला गांव के युवाओं द्वारा लाई गई कांवड़ झांकी आकर्षण का केंद्र रही। जिसे 15 युवाओं का दल खींचता हुआ लेकर आया था, इसकी थीम कैलाश पर्वत थी।