Edited By Lata,Updated: 28 Feb, 2020 09:35 AM
चंडीगढ़ (रमनजीत): श्री करतारपुर साहिब कॉरीडोर के जरिए गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करके लौटे कुछ श्रद्धालुओं
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चंडीगढ़ (रमनजीत): श्री करतारपुर साहिब कॉरीडोर के जरिए गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करके लौटे कुछ श्रद्धालुओं से पंजाब पुलिस द्वारा थाने ले जाकर की गई पूछताछ के मुद्दे पर सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। विपक्षी दलों आम आदमी पाटी, शिरोमणि अकाली दल और लोक इंसाफ पार्टी के विधायकों ने इस मामले पर मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह द्वारा सदन में दिए गए बयान, पंजाब पुलिस व सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। हालांकि कैबिनेट मंत्री सुखजिंद्र सिंह रंधावा ने सरकार का पक्ष रखते हुए स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया लेकिन शून्यकाल के खत्म होते-होते मामला इतना बढ़ गया कि शिरोमणि अकाली दल विधायकों ने वाकआऊट कर दिया।
शून्यकाल की शुरूआत करते हुए नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने आंगनबाड़ी सैंटरों के लिए वजन तोलने वाली मशीनों की खरीद में घोटाले का मामला उठाया। चीमा ने कहा कि जिस नैशनल फैडरेशन ऑफ फार्मर प्रिक्योरमैंट ऑफ इंडिया नाम की कंपनी से प्रति सैट 7,882 रुपए में सरकार की ओर से ये मशीनें खरीदी जा रही हैं, उसी स्पैसीफिकेशन वाली मशीनें 4000 रुपए प्रति सैट बाजार में उपलब्ध हैं। चीमा ने सरकार से अपील की कि जांच करवाकर भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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शिअद विधायक दल के नेता शरणजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन में श्री करतारपुर साहिब कॉरीडोर से संबंधित बयान दिया था और हम उस पर संतुष्ट थे लेकिन अब नया मामला सामने आया है, जिसमें पंजाब पुलिस द्वारा श्री करतारपुर साहिब से लौटे कुछ श्रद्धालुओं को थाने में ले जाकर कई घंटे तक पूछताछ की गई है। इससे लगता है कि मुख्यमंत्री सदन में बयान कुछ और दे रहे हैं जबकि पंजाब पुलिस कुछ और कर रही है। कैबिनेट मंत्री सुखजिंद्र सिंह रंधावा ने कहा कि उन्होंने भी इस बारे में पता चलते ही तत्काल संबंधित एस.एच.ओ. व एस.एस.पी. से फोन पर बात की थी। जहां से पता चला कि इंटैलीजैंस ब्यूरो के एडिशनल इंस्पैक्टर जनरल द्वारा एक पत्र भेजा गया था, जिसके आधार पर उक्त 4-5 व्यक्तियों से पूछताछ की गई थी।
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रंधावा के इस बयान पर विपक्ष और बिफर पड़ा और सरकार के खिलाफ नारेबाजी हुई। इसी दौरान लोक इंसाफ पार्टी के विधायक बलविंद्र सिंह बैंस ने कहा कि सरकार की मंशा सही नहीं लग रही है। बयान कुछ दिए जा रहे हैं, जबकि असल में नीतियां कुछ लागू की जा रही हैं। इस पर स्पीकर राणा के.पी. सिंह ने भी कहा कि यह मामला बहुत ही गंभीर है और वह खुद सरकार से अपील करते हैं कि इसकी जांच जरूर करवाई जाए।
इसके बाद एक बार फिर से मंत्री रंधावा खड़े हुए और आई.बी. द्वारा भेजे गए पत्र का मजमून पढ़ने लगे, लेकिन शिअद विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि एक तरफ तो पंजाब सरकार सी.ए.ए. जैसे केंद्र के कानून को लागू करने से इंकार कर रही है और दूसरी तरफ श्रद्धालुओं से पूछताछ करने के लिए आई.बी. की चिट्ठियों का हवाला दे रही है। उन्होंने मांग की कि संबंधित एस.एच.ओ. और एस.एस.पी. को निलंबित किया जाए।