Edited By Jyoti,Updated: 21 Oct, 2021 03:45 PM
धार्मिक और ज्योतिष शास्त्र में वर्ष में पड़ने वाले हर मास को खासा बताया गया है। जिस कारण प्रत्येक मास के अपने अलग नियम व महत्व है तथा इसलिए प्रत्येक मास में विशेष प्रकार के पूजा अर्चना की जाती है
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धार्मिक और ज्योतिष शास्त्र में वर्ष में पड़ने वाले हर मास को खासा बताया गया है। जिस कारण प्रत्येक मास के अपने अलग नियम व महत्व है तथा इसलिए प्रत्येक मास में विशेष प्रकार के पूजा अर्चना की जाती है। तो वहीं इस दौरान विभिन्न प्रकार के नियमों को अपनाया जाता है। जैसे कि हम आपको अपने वेबसाइट के माध्यम से बता चुके हैं कि आज से यानि 21 अक्टूबर से कार्तिक मास का आरंभ हो गया है। शास्त्रों के अनुसार ये मास भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी तथा तुलसी माता की पूजा का विशेष महत्व है। इसके अलावा इस मास में यक्षराज कुबेर, यमदेव, भगवान धन्नवंतिर की भी पूजा की जाती है। इसलिए इस मास में खान-पान का विशेष ध्यान रखा जाता है। तो आइए आपको बताते हैं इस मास में किस चीज़ का सेवन करना चाहिए, किन चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए।
क्या खाएं:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास में अधिक रूप से मूली का सेवन करना चाहिए। कहा जाता है इस मास में मूली का सेवन स्वास्थ्य की दृष्टि से अधिक लाभदायक होता है। इसके अलावा इस मास में दूध, खीरे, सूखे मेवे आदि तरह के उत्तम भोजन का सेवन करना चाहिए।
आइए अब जानते हैं कि कार्तिक मास में किन चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए-
चूंकि कार्तिक मास का धार्मिक महत्व अधिक है, इसलिए इस मास में किसी भी प्रकार से मास मछली का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस मास में मुख्य रूप से मछली, बैंगन, दही, करेला और जीरा का बिल्कुल भी नहीं सेवन नहीं करना चाहिए।
इस मास में उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई, छाछ, प्याज, लहसुन, शराब मांस आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक कार्तिक माह में जल में विष्णु का वास रहता है, इसलिए इस मास में मछली नहीं खानी चाहिए।
बताया जाता है कि इस मास में बैंगन खाने से व्यक्ति के जीवन में पित्त दोष पैदा होते हैं। इसके अलावा दही खाना संतान के लिए अशुभ साबित होते है। करेला में न दिखाई देने वाले कीड़ों की संख्या बढ़ती है। चूंकि जीरे की तासीर ठंडी रहती है और इसे ठंड की शुरुआत में खाना नुकसानदायक साबित होता है। इसके अतिरिक्त कार्तिक मास के दौरान दोपहर के समय सोना और शरीर पर तेल लगाना निषेध व नुकसानदायक होता है।