Edited By Jyoti,Updated: 21 Oct, 2021 04:56 PM
आज से यानि 21 अक्टूबर यानि गुरुवार से इस वर्ष के कार्तिक मास का आरंभ हो गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये मास भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी तथा खास रूप से तुलसी माता की पूजा का
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आज से यानि 21 अक्टूबर यानि गुरुवार से इस वर्ष के कार्तिक मास का आरंभ हो गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये मास भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी तथा खास रूप से तुलसी माता की पूजा का विशेष महत्व है। इतना ही नहीं इस मास में तुलसी माता का शालिग्राम के साथ विवाह संपन्न करवाने की खास परंपरा है। अतः इन सभी कारणों के चलते इस मास में विशेष प्रकार से तुलसी माता का पूजन किया जाता है। जो व्यक्ति इस मास में व देवउठनी ग्यारस एकादशी के दिन तुलसी पूजन करते हैं उन पर विष्णु जी के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की अपार कृपा प्राप्त होताी है। तो आइए जानते हैं तुलसी पूजा से मिलने वाले लाभों के बारे में-
धार्मिक शास्त्रों में तुलसी माता से जुड़ा श्लोक वर्णित है। जिसके अनुसार-
महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी
आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
उपरोक्त वर्णित श्लोक के अनुसार भगवान विष्णु जी को तुलसी बहुत प्रिय है। जिसके चलते इस मास में तुलसी जी का पूजन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही साथ जीवन के समस्त संकट दूर हो जाते हैं।
इस मास में जो व्यक्ति शालिग्राम के साथ तुलसी जी की पूजा करने से अकाल मृत्यु प्राप्त नहीं होती।
कार्तिक मास में तुलसी जी की पूजा करने के अलावा तुलसी के पौधे का दान करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।
कार्तिक मास में प्रतिदिन शाम को तुलसी के पौधे के सामने दीपक जलाने से पुण्य की प्राप्ति होती है तथा घर में सुख शांति बरकरार रहती है।
जो व्यक्ति इस मास के दौरान ब्रह्म मुहूर्त में उठकर तुलसी के पौधे को जल चढ़ाने से अपने समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
इसके अतिरिक्त तुलसी के पत्ते का सेवन करने से रोग और शोक से मुक्ति मिलती है। परंतु ध्यान रखें कि तुलसी के पत्ते को कभी दांतों से चबाया नहीं जाना चाहिए।