कार्तिक पूर्णिमा को होगा करिश्मा, दिखेगा 70 साल में सबसे बड़ा फुलमून

Edited By ,Updated: 04 Nov, 2016 08:40 AM

kartik purnima  moon

इस कार्तिक पूर्णिमा को एक करिश्मा होगा। इसे 21वीं सदी में धरती से दिखने वाले अद्भुत नजारों की श्रेणी में रखा जा सकता है। धरती के

इस कार्तिक पूर्णिमा को एक करिश्मा होगा। इसे 21वीं सदी में धरती से दिखने वाले अद्भुत नजारों की श्रेणी में रखा जा सकता है। धरती के चारों ओर परिक्रमा करने वाला चंद्रमा आगामी 14 नवम्बर को धरती के बेहद नजदीक होगा। यह आकार में 14 फीसद बड़ा और 30 फीसद उज्ज्वलता लिए हुए होगा।


नासा के मुताबिक चंद्रमा का एलिप्टिकल ऑरबिट होता है, इसलिए इसके एक हिस्से को पेरिजी और दूसरे हिस्से को अपोजी कहा जाता है। पेरिजी का औसत भाग 48,280 किमी (30,000 मील) है। इसके अतिरिक्त जब सूर्य, चंद्रमा और धरती श्रेणीबद्ध होते हैं तो उसे सिजिगी कहते हैं। जिस समय पृथ्वी-चंद्रमा-सूर्य पेरिजी में पड़ जाते हैं और चंद्रमा नजदीक आ जाता है, उस समय इसे सिजिगी कहा जाता है। जिस समय चंद्रमा धरती के दूसरी ओर होता है तो ऐसी स्थिती में उसे पेरिजी-सिजिगी कहा जाता है। ऐसी स्थिती में चंद्रमा तुलनात्मक रूप से करीब और चमकदार दिखने लगता है। तभी तो इसे सुपरमून कहा जाता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे पेरिजी चंद्रमा कहेंगे।


विशेषज्ञ कहते हैं सुपरमून के कॉन्सेप्ट को नया नहीं कहा जा सकता। यह बार बार देखने को मिलता है। इससे पहले यह 16 अक्टूबर को दिखा था। भविष्य में इसे 14 नवंबर और 14 दिसंबर को देखा जा सकेगा। 14 नवंबर को चंद्रमा पेरिजी के 2 घंटे के अंदर ही पूर्ण देखा जा सकेगा। 


14 नवंबर को जो फुलमून देखा जाएगा वह न सिर्फ 2016 में धरती का सबसे करीबी चंद्रमा होगा बल्कि 21वीं सदी का भी सबसे नजदीकी चंद्रमा होगा। इस दिन 70 साल के बाद चंद्रमा सबसे बड़ा दिखाई देगा। इस तरह का अगला नजारा इसके बाद वर्ष 2034 में देखने को मिलेगा।

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