Edited By Jyoti,Updated: 25 Sep, 2019 05:48 PM
हर साल कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी के दिन करवाचौथ का व्रत मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अन्य त्यौहारों की ही तरह इस व्रत का भी अधिक महत्व है।
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हर साल कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी के दिन करवाचौथ का व्रत मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अन्य त्यौहारों की ही तरह इस व्रत का भी अधिक महत्व है। तीज आदि की तरह करवाचौथ का यह व्रत भी पति की लंबी उम्र की कामना के साथ रखा जाता है। इस साल यानि 2019 में करवाचौथ का ये 17 अक्टूबर को पड़ रहा है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत करती हैं और रात में चांद दर्शन करने के बाद अपने व्रत खोलती हैं। बता दें विवाहित महिलाओं के अलावा अविवाहित कन्याएं भी अच्छे वर की इच्छा से ये व्रत रख सकती हैं। बहुत सी महिलाएं इस व्रत का पावन तो करती हैं मगर इससे संबंधित नियमों का पालन करना भूल जाती हैं। मगर बता दें करवाचौथ का व्रत करने वाली हर महिला के लिए इनके नियमों का पालन करना ज़रूरी होता है। तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ खास बातें-
सरगी-
बता दें करवा चौथ व्रत में सरगी सबसे ज़रूरी होती है। व्रती महिला के लिए इसका सेवन करना अति आवश्यक माना जाता है। बता दें सरगी असल में व्रत शुरू होने से पहले सुबह लगभग 4 बजे के आस-पास खाई जाती हैं। ये सरगी दरअसल सास अपनी बहू को देती हैं। जिसमें खाने-पीने के विभिन्न व्यंजनों के साथ-साथ सुहाग का सारा सामान भी होता है। सरगी लेने के बाद महिलाएं पूरा दिन निर्जला व्रत करती हैं और रात तो चांद को अर्घ्य देने के बाद अपनी पति के हाथों पानी का घूंट भरकर अपना व्रत पूरा करती हैं।
पहले करवा चौथ पर पहनें यह-
माना जाता है शादी के बाद जिन महिलाओं का पहला करवा चौथ हो उन्हें अपने शादी का जोड़ा पहनकर करवा चौथ व्रत का पूजन करना चाहिए। मगर अगर ऐसा करना संभव न हो तो इस दिन लाल रंग की साड़ी या लाल रंग के अन्य किसी भी तरह के वस्त्र पहनकर ही पूजन करें।
सुबह बड़ों का आशीर्वाद लें-
करवा चौथ रख रही महिलाएं सुबह उठकर अपने बड़ों का आशीर्वाद लें और अपने व्रत की शुरुआत करें। मान्यता है ऐसा करने से परिवार में सौभाग्य और समृद्धि बनी रहेगी।
व्रती महिला न करें ये काम-
करवा चौथ व्रत वाले दिन व्रती महिला या लड़की को दोपहर की बेला में नींद नहीं लेनी चाहिए। बल्कि सभी महिलाओं को एकत्रित होकर गीत गाने चाहिए।
व्रत कथा ज़रूर सुनें या पढ़े-
करवा चौथ पर व्रत कथा सुनना सबसे ज़रूरी मानी जाता है। लेकिन अक्सर समय के अभाव में कई महिलाएं व्रत कथा नहीं सुनती। मगर ये करना न भूलें। क्योंकि कहा जाता है करवा चौथ का व्रत इसकी व्रत कथा सुने बिना संपन्न नहीं मानी जाती है।
करवा चौथ 2019 तिथि और मुहूर्त:
तिथि- 17 अक्टूबर
करवा चौथ पूजा मुहूर्त- 17:46 से 19:02
चंद्रोदय- 20:20
चतुर्थी तिथि आरंभ- 06:48 (17 अक्टूबर)
चतुर्थी तिथि समाप्त- 07:28 (18 अक्टूबर)