Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Feb, 2018 09:27 AM
बोर्ड की परीक्षाएं आरंभ होने को कुछ ही समय शेष बचा है। ऐसे में हर विद्यार्थी मेहनत तो कर रहा है लेकिन डर के साय में। कुछ भावुक छात्रों पर तो पढ़ाई का इतना प्रैशर होता है की वह तनाव में रहने लगते हैं और उनका स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है।
बोर्ड की परीक्षाएं आरंभ होने को कुछ ही समय शेष बचा है। ऐसे में हर विद्यार्थी मेहनत तो कर रहा है लेकिन डर के साय में। कुछ भावुक छात्रों पर तो पढ़ाई का इतना प्रैशर होता है की वह तनाव में रहने लगते हैं और उनका स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है। इस विषय में ज्योतिष विद्वान कहते हैं की जब राहु कर्क और शनि धनु में मंदभाग्य चल रहे हों तो चन्द्रमा अशुभतो देता है, जिससे छात्र पीड़ित हो जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो इम्तिहान जैसे जैसे नजदीक आते हैं, स्ट्रैस हारमोन वैसे-वैसे बनने लगता है। जिससे विद्यार्थियों की नींद उड़ जाती है और वह तनाव में रहने लगते हैं। छात्रों को 24 घण्टों में से कम से कम 7 घण्टे नींद और 8 घंटे पढ़ाई अवश्य करनी चाहिए। ऐसा हो नहीं पाता, जिस वजह से उनके तन और मन को पूर्णता आराम नहीं मिल पाता और स्वास्थ्य में गिरावट आने लगती है। जिसका प्रभाव स्मरण-शक्ति पर पड़ता है और दिमाग व हार्मोन के असंतुलित होने से शरीर में कोलोस्ट्रोल और थाइरॉइड बढ़ने लगता है। बच्चों में मोटापा, ब्लड प्रैशर और दिल की बिमारियों का होना आम हो गया है। तन रोगी होगा तो मन निरोगी कैसे रह सकता है। भरपूर नींद के साथ व्यायाम और योगा करना चाहिए।
शनिवार के दिन शनि और राहू की शुभता में बढ़ौतरी के लिए उनकी पूजा करें।
पढ़ाई में मन लगा रहेगा, इसके लिए समय-समय पर पानी पीते रहें, इससे चन्द्रमा मजबूत होता है।
पढ़ाई करने का स्थान साफ रखें, इधर-उधर कॉपी-किताबें बिखेर कर न रखें। इससे सकारात्मकता का नाश होता है। एकाग्रता नहीं बन पाती।
पढ़ाई करने की मेज पर मोर पंख लगा कर रखें, ध्यान में वृद्धि होगी। जिस विषय में कमजोर हैं, गुरुवार के दिन उस किताब में मोर पंख रखें।
देर रात तक पढ़ाई करने की बजाय ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पढ़ें। इससे याद किया पाठ भूलता नहीं है।