Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 06:41 AM
दौलश-शौहरत की चाह हर किसी के मन में बसी होती है। कुछ की तो पूरी हो जाती है और कुछ जीवन की अंतिम स्वांस तक प्रयास करते रहते हैं।
दौलश-शौहरत की चाह हर किसी के मन में बसी होती है। कुछ की तो पूरी हो जाती है और कुछ जीवन की अंतिम स्वांस तक प्रयास करते रहते हैं। कम से कम इतने धन की चाह तो हर व्यक्ति करता है की अच्छे से जिदंगी गुजारी जा सके। इने-गिने लोगों के साथ ऐसा भी होता है की सुबह उनका पर्स पैसों से भरा होता है लेकिन शाम को घर जाते वक्त केवल चंद सिक्के ही बचते हैं। समस्त शास्त्रों, ग्रंथो, वास्तु एवं ज्योतिष शास्त्र में मोर के पंख को महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। पर्स में मोर पंख रखें। जो व्यक्ति सदैव अपने पास मोर पंख रखता है उस पर कभी कोई अमंगल नहीं मंडराता।
पर्याप्त धनार्जन के बावजूद धन संचय नहीं हो पा रहा हो तो अपनी जेब या बटुए में विधारा की जड़ बुधवार के दिन रखें और माता लक्ष्मी के मंदिर में जाकर पोशाक भेंट करें।
बुधवार को ब्रह्म मूहर्त में उठकर स्नान आदि से शुद्ध होकर स्वच्छ कपड़े पहनें। गणपति का पूजन शुद्ध आसन पर बैठकर अपना मुख पूर्व अथवा उत्तर दिशा की तरफ करके करें। पंचामृत से श्री गणेश को स्नान कराएं तत्पश्चात केसरिया चंदन, अक्षत, दूर्वा अर्पित कर कपूर जलाकर उनकी पूजा और आरती करें। उनको मोदक के लड्डू अर्पित करें। उन्हें रक्तवर्ण के पुष्प विशेष प्रिय हैं। गणेश जी का श्री स्वरूप ईशाण कोण में स्थापित करें और उनका श्री मुख पश्चिम की ओर रहे। अब कच्चे धागे पर सात गांठ लगा कर उसे बप्पा के चरणों में रख दें, सूर्यास्त से पूर्व उस धागे को अपने पर्स में रख लें तो खूब टिकेगा पैसा। कभी धन-धान्य के भंडार में कोई कमी नहीं आएगी।