मुहर्रम की 9वीं तारीख़ को रोज़ा रखने से मिलती है गुनाहों की माफ़ी

Edited By Jyoti,Updated: 09 Sep, 2019 11:37 AM

keeping fast on the 9th of muharram gives forgiveness of sins

जैसे हिंदू धर्म में आने वाले हर माह का धार्मिक दृष्टिकोष से महत्व है ठीक उसी तरह मुस्लिम धर्म में भी प्रत्येक माह का संबंध उनके धर्म से जुड़ी ऐसी मान्यताओं व परंपराओं से है। जिससे वो मास खास हो जाता है।

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जैसे हिंदू धर्म के हर माह का धार्मिक दृष्टिकोष से महत्व है ठीक उसी तरह मुस्लिम धर्म में भी प्रत्येक माह का संबंध उनके धर्म से जुड़ी ऐसी मान्यताओं व परंपराओं से है। जिससे वो मास खास हो जाता है। ऐसा ही है इस्लामिक वर्ष का प्रथम महीना मुहर्रम है। सालों से इसे एक बहुत बड़े त्यौहार के तौर पर मनाया जाता है। कहा जाता है इसे इस्लाम के चार सबसे पाक महीनों में से एक माना जाता है।
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बता दें कुछ मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग मुहर्रम का ये महीना इमाम हुसैन और अनुयायियों की शहादत की याद में मनाते हैं। मुहर्रम की 10 वें दिन को आशुरा भी कहा जाता है। इससे जुड़ी धारणाओं व प्रचलित कथाओं के अनुसार इस दिन हजरत रसूल के नवासे हजरत इमाम हुसैन, उनके बेटे और उनके परिवार वालों को कर्बला के मौदान में शहीद कर दिया गया था। कर्बला की इस घटना को आज भी काफी निंदनीय है। बताया जाता है इस घटना में सिर्फ़ उनके एक पुत्र हजरत इमाम जै़नुलआबेदीन जिंदा बचे जो कि बीमारी के कारण युद्ध मे भाग नहीं ले सके थे।
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आज के समय में  काफ़ी लोग अपने बच्चों का नाम हज़रत हुसैन और उनके शहीद साथियों के नाम पर रखते हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार इस माह में भी रोज़े रखे जाते हैं। बल्कि कुछ लोगों का तो यहां तक मानना है कि रमजान के अलावा सबसे उत्तम रोज़े मुहर्रम में ही रखे जाते है। नबी-ए-करीम के अनुसार जिस तरह  पांच फर्ज़ नमाजों के बाद सबसे अहम नमाज तहज्जुद की है, उसी तरह रमजान के रोजों के बाद सबसे उत्तम रोजे मुहर्रम के हैं।

इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक मुहर्रम की 9 तारीखों तक कि जाने वाली इबादतों का बड़ा महत्व है। हजरत मुहम्मद के मित्र इब्ने अब्बास बताते हैं हजरत ने कहते हैं जो मुहर्रम की 9वीं तारीख का रोज़ा रखता है  उसके दो साल के गुनाह माफ़ हो जाते हैं और उसे मुहर्रम के 1 रोज़े के बदले अन्य मास के 30 रोजों के बराबर होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें यह रोज़े अनिवार्य नहीं हैं, लेकिन मुहर्रम के रोजों का बहुत अधिक महत्व है।
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