शुक्रनीति- इन बातों को रखें गुप्त, होगी पुण्य प्राप्ति

Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Mar, 2018 01:34 PM

keeping these things secret will be a virtuous achievement

असुराचार्य, भृगु ऋषि तथा हिरण्यकशिपु की पुत्री दिव्या के पुत्र शुक्राचार्य जिनका जन्म का नाम ''शुक्र उशनस'' है। पुराणों के अनुसार याह दैत्यों के गुरू तथा पुरोहित थे।मान्यता के अनुसार भगवान के वामनावतार में तीन पग भूमि प्राप्त करने के समय

असुराचार्य, भृगु ऋषि तथा हिरण्यकशिपु की पुत्री दिव्या के पुत्र शुक्राचार्य जिनका जन्म का नाम 'शुक्र उशनस' है। पुराणों के अनुसार यह दैत्यों के गुरू तथा पुरोहित थे। मान्यता के अनुसार भगवान के वामनावतार में तीन पग भूमि प्राप्त करने के समय, यह राजा बलि की झारी के मुख में जाकर बैठ गए और बलि द्वारा दर्भाग्र से झारी साफ करने की क्रिया में इनकी एक आंख फूट गई। इसलिए यह "एकाक्ष" भी कहे जाते थे। 


शुक्रनीति में शुक्राचार्य ने ऐसी बातें बताई हैं जिन्हें दूसरों से गुप्त रखना चाहिएं।

श्लोक-
आयुर्वित्तं गृहच्छिद्रं मंत्रमैथुनभेषजम्।
दानमानापमानं च नवैतानि सुगोपयेतू।।

कुछ लोगों में अपने मान-सम्मान के दिखावे की आदत होती है। शुक्र नीति के अनुसार मान-सम्मान का दिखावा करने से लोगों की नजर में आपके लिए नफरत का भाव आ जाता है। इस आदत की वजह से आपके अपने भी आपसे दूरियां बना सकते हैं। 


व्यक्ति को कई बार अपमान का सामना करना पड़ता है। लेकिन उसे ये बात सभी से छिपा कर रखनी चाहिए। ये बात दूसरों को पता लगने पर वे भी अपका सम्मान करना छोड़ देते हैं। जिसके कारण व्यक्ति हंसी का पात्र बन जाता है। 


लोग प्रभु कृपा के लिए प्रतिदिन पूजा-पाठ करते हैं। लेकिन वे पूजा में जिन मंत्रों का उच्चारण करते हैं, उन्हें दूसरों से गुप्त रखना चाहिए। कहा जाता है कि पूजा-पाठ व मंत्रों को गुप्त रखने से ही पुण्य की प्राप्ति होती है। 


धन से कई सुख-सुविधाएं मिल सकती हैं। लेकिन कई बार इस धन से कई समस्याअों का सामना करना पड़ सकता है। व्यक्ति को अपने धन की जानकारी कम लोगों को देनी चाहिएं। कई लोग धन के लालच में अापको नुक्सान पहुंचा सकते हैं। 


व्यक्ति को अपनी आयु हर किसी को नहीं बतानी चाहिए। शुक्रनीति के अनुसार आयु को जितना गुप्त रखा जाए उतना ही अच्छा होता है। आयु का पता चलने पर विरोधी समय आने पर इसका प्रयोग अपके खिलाफ कर सकते हैं। 


गृह दोषों के कारण कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अपने गृहदोषों का जिक्र सब के सामने नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 


कामक्रीड़ा की बातें पति अौर पत्नी के मध्य ही रहनी चाहिए। इस बात को गुप्त रखना ही अच्छा होता है। पति-पत्नी के मध्य की बातें किसी और को पता लगे तो वह परेशानी अौर शर्म का कारण बन सकती है।  


दान को गुप्त तरीके से किया जाए तभी उसका पुण्य मिलता है। जो लोग दिखावे अौर दूसरे लोगों में महानता पाने के लिए दान का दिखावा करता है उनके पुण्य कर्म नष्ट हो जाते हैं। वैसे भी दान इस प्रकार करना चाहिए कि दूसरे हाथ को भी पता न चले।

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