जानिए किस दिन से शुरू हो रहा है पंचक ?

Edited By Jyoti,Updated: 27 Apr, 2019 12:26 PM

know where the panchank is starting

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नक्षत्रों के मेल से बनने वाले जो विशेष योग बनता है उसे पंचक कहा जाता है। वहीं जिस समय चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि पर रहता है, उस अवधि को पंचक कहते हैं।

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नक्षत्रों के मेल से बनने वाले जो विशेष योग बनता है उसे पंचक कहा जाता है। वहीं जिस समय चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि पर रहता है, उस अवधि को पंचक कहते हैं। बता दें कि ज्योतिष की दृष्टि से पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है। जिन पांच नक्षत्रों के संयोग को पंचक कहा जाता है वो हैं घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती। पंचक का स्वामी ग्रह कुंभ और राशि मीन होती है। ज्योतिष शास्त्र में हर माह लगने वाले पंचक काल को शुभ नहीं कहा गया। तो आइए जानते हैं पंचक से जुड़ी कुछ खास बातें-

बता दें इस बार पंचक 28 अप्रैल दोपहर 3 बजकर 46 मिनट से शुरू होकर 3 मई की दोपहर 2 बजकर 41 मिनट तक लगेगी। चूंकि इस काल में शुभ काम करने वर्जित होते हैं इसलिए इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य अच्छे परिणाम नहीं देगा।
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ज्योतिष के अनुसार पंचक के 5 दिनों में हर किसी को खास संभलकर रहने की आवश्यकता होती है। इस दौरान पंचक काल के समय में यात्रा करना, लेन-देन, व्यापार और किसी भी तरह के बड़े सौदे नहीं करने चाहिए। अगर इन पांच दिनों में ऐसा किया जाए तो धन हानि होने की संभावना अधिक होती है।

शास्त्रों में कहा गया है-
'धनिष्ठ-पंचकं ग्रामे शद्भिषा-कुलपंचकम्।
पूर्वाभाद्रपदा-रथ्याः चोत्तरा गृहपंचकम्।
रेवती ग्रामबाह्यं च एतत् पंचक-लक्षणम्।।'
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पंचक-
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आकाश को कुल 27 नक्षत्रों में बांटा गया है। जिनमें से पांच नक्षत्र होते हैं, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र। इन पांच नक्षत्रों की युति यानि इन सभी का गठजोड़ अशुभ होता है। 'मुहूर्त चिंतामणि' के मुताबिक इन नक्षत्रों के मेल में अगर परिवार में कई मृत्यु जाती है तो परिवार के अन्य सदस्यों को मृत्यु या मृत्यु तुल्य कष्ट सहना पड़ता है।

पंचक में 5 जन्म तो 5 मृत्यु
मान्यता है कि अगर धनिष्ठा में जन्म-मरण हो, तो उस गांव-नगर में पांच जन्म-मरण होते हैं। अगर शतभिषा में हो तो उसी कुल में 5 जन्म-मरण होते हैं, पूर्वा में हो तो उसी मोहल्ले-टोले में, उत्तरा में हो तो उसी घर में और रेवती में हो तो दूसरे गांव-नगर में पांच बच्चों का जन्म और पांच लोगों की मृत्यु होना संभव होता है।
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