Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Apr, 2018 01:51 PM
सागर मंथन को सफल बनाने के लिए भगवान विष्णु ने कूर्म रुप में अवतार लिया था। हिंदू शास्त्रों में लिखा है जब धरती पर पापियों के पाप, अत्याचार और दुराचार बढ़ते हैं तो भक्तों को दुख एवं कष्टों का सामना करना पड़ता है। भगवान के भक्त जब सच्चे भाव से उन्हें...
सागर मंथन को सफल बनाने के लिए भगवान विष्णु ने कूर्म रुप में अवतार लिया था। हिंदू शास्त्रों में लिखा है जब धरती पर पापियों के पाप, अत्याचार और दुराचार बढ़ते हैं तो भक्तों को दुख एवं कष्टों का सामना करना पड़ता है। भगवान के भक्त जब सच्चे भाव से उन्हें पुकारते हैं तो वह किसी न किसी रुप में अवतार लेकर भक्तों के कष्टों को हर लेते हैं। देवताओं के दुखों को दूर करने के लिए भगवान ने कच्छप (कछुआ) रुप में अवतार लिया। वैशाख मास की पूर्णिमा को भगवान विष्णु ने कच्छप रुप में अवतार लिया तथा वह दिन कूर्म जयंती के रुप में मनाया जाता है।
इस दिन क्या करना है शुभ
इस दिन किसी प्रकार के भवन निर्माण आदि का कार्य करना अति शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन योगमाया एक स्तम्भित शक्ति के रुप में कूर्म (कछुए) में वास करती हैं। भवन का लैंटर डालना, पिलर डालना तथा किसी भी नई बिल्डिंग का भूमि पूजन एवं शिलान्यास करना भी उत्तम कर्म है। भगवान की कृपा से इस दिन शुरु किया गया भवन निर्माण कार्य बिना किसी विध्न बाधा के सफल होता है। किसी प्रकार का वास्तु दोष भी इस दिन दूर किया जा सकता है।
किसी निर्माण कार्य में यदि बार-बार बाधा आ रही हो तो, ‘ओम कूर्माय नम: ओम हां, ग्रीं कूर्मासने वाधाम नाशय नाशय. ओम आं. ह्रीं क्रों कूर्मासनाय नम: ओम ह्रीं कूर्माय वास्तु पुरुषाय स्वाहा’ इस मंत्र का उच्चारण करते हुए कम से कम 11 बार यज्ञ में आहुतियां डालते हुए कार्य की सफलता के लिए भगवान से प्रार्थना करें।
वीना जोशी
veenajoshi23@gmail.com