Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Nov, 2020 06:32 AM
लाभ पंचमी का पर्व दिपावली से जुड़ा है। इसे सौभाग्य लाभ पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। उज्जवल भाग्य की कामना करने वालों के लिए ये दिन बेहद हितकारी है। ये मुख्यतौर पर भारत के गुजरात में
Labh Panchami 2020: लाभ पंचमी का पर्व दिपावली से जुड़ा है। इसे सौभाग्य लाभ पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। उज्जवल भाग्य की कामना करने वालों के लिए ये दिन बेहद हितकारी है। ये मुख्यतौर पर भारत के गुजरात में मनाया जाता है। इस दिन से वहां दिवाली का समापन होता है। वहां का जनसमुदाय इस दिन को बहुत शुभ मानता है। गुजरात के बिजनेसमैन लाभ पंचमी के बाद अपने कारोबार का पुन: आरंभ करते हैं।
Rituals during Labh Panchami: गुजराती कारोबारी इसी दिन से नए बहीखाते का आरंभ करते हैं। कुमकुम से बही खाते के दाईं और बाईं तरफ शुभ-लाभ लिखा जाता है तत्पश्चात लक्ष्मी पूजा करते हैं। फिर अपने काम का शुभ आरंभ किया जाता है।
जैन समुदाय विद्या की देवी सरस्वती की पूजा करने के साथ-साथ ज्ञानवर्धक पुस्तकों का पूजन भी करते हैं। मां शारदा से ज्ञान और बुद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है।
Labh Panchami upy आज आप भी करें ये काम, एक झटके में होंगे मालामाल
माता लक्ष्मी के मंदिर जाकर शंख, कौड़ी, कमल, मखाना, बताशा मां को अर्पित करें। ये सब महालक्ष्मी मां को बहुत प्रिय हैं।
मां लक्ष्मी को नमन कर सफेद वस्त्र धारण करें, मां लक्ष्मी के श्री स्वरूप एवं चित्र के सामने खड़े होकर श्री सूक्त का पाठ करें एवं कमल का फूल चढ़ाएं।
वीर लक्ष्मी माता की उपासना सौभाग्य के साथ स्वास्थ्य भी देने वाली होती है।
सफेद आक में लक्ष्मी जी को रिझाने का गुण धर्म छुपा है। यह कहीं भी सुलभ हो तो घर में रख लें। पेड़ लगा लें तो और भी शुभ है।
सफेद वस्तुओं का दान करने से लक्ष्मी जी आकर्षित होती हैं।
मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें-
ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:
ऊं ह्रीं त्रिं हुं फट
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
लक्ष्मी नारायण नम: पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्।