Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Jan, 2019 12:57 PM
माता लक्ष्मी ऐश्वर्य एवं सुख-समृद्धि की स्वामिनी मानी जाती हैं। अमीर बनने की इच्छा रखने वाला हर व्यक्ति मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का हर संभव प्रयास करता है। जिस घर में सुबह मां लक्ष्मी की आरती होती है, वहां सदा धन की वर्षा होती रहती है।
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माता लक्ष्मी ऐश्वर्य एवं सुख-समृद्धि की स्वामिनी मानी जाती हैं। अमीर बनने की इच्छा रखने वाला हर व्यक्ति मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का हर संभव प्रयास करता है। जिस घर में सुबह मां लक्ष्मी की आरती होती है, वहां सदा धन की वर्षा होती रहती है। शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसी बातें हैं जो आम लोगों को ज्ञात नहीं होती और वो अनजाने में भूल कर बैठते हैं। शास्त्रों के अनुसार महालक्ष्मी भगवान विष्णु का साथ कभी नहीं छोड़ती। जहां विष्णु होंगे वहां देवी लक्ष्मी स्वयं आएंगी। देवी भागवत पुराण के अनुसार लक्ष्मी पूजन तभी सफल होता है जब गणेश वंदना के बाद लक्ष्मी नारायण की अराधना की जाए। शाम को इस तरह करें आरती, बरसने लगेगी घर पर लक्ष्मी-
लक्ष्मी पूजन के समय लाल या गुलाबी वस्त्र पहनें।
देवी लक्ष्मी को अर्पित दीपक दाईं ओर रखें। उसमें प्रयोग होने वाली बाती लाल रंग की होनी चाहिए।
अगरबत्ती, धूप, धूमन और धुएं वाली चीजों को बायीं ओर रखें।
महालक्ष्मी को लाल-गुलाबी गुलाब और कमल के फूल बहुत प्रिय हैं।
देवी लक्ष्मी को भोग अर्पित करते वक्त उसे दक्षिण दिशा में रखें और पुष्प उनके सामने रखें।
घर में धन तो आता है लेकिन अनचाहे खर्चे सिर उठाए रहते हैं तो सूर्यास्त के समय कर्पूर का दीप जलाएं, उसे सारे घर में घुमाएं। अंत में तुलसी पर आरती करके घर के मंदिर में स्थापित कर दें। देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
लक्ष्मी पूजा के बाद गाएं श्री लक्ष्मी जी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निसदिन सेवत,
हर-विष्णु-विधाता।।ॐ।।
उमा, रमा, ब्रह्माणी
तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा, ध्यावत,
नारद ऋषि गाता।।ॐ।।
दुर्गारूप निरंजनि,
सुख-सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत,
ऋद्धि-सिद्धि पाता।।ॐ।।
तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता।।ॐ।।
जिस घर तुम रहतीं,
तहॅं सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता,
मन नहीं घबराता।।ॐ।।
तुम बिन यज्ञ न होते,
वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,
सब तुमसे आता।।ॐ।।
शुभ-गुण-मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता।।ॐ।।
महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता।
उर आनंद समाता,
पाप उतर जाता।। ॐ।।
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता।