Edited By Niyati Bhandari,Updated: 27 Nov, 2021 09:37 AM
मल्टीस्टोरी बिल्डिंग, बड़े बंगले, होटल, क्लब, इत्यादि में गार्डन बनाए जाते हैं, जिन्हें सुंदरता देने के लिए गार्डन की लैंडस्कैपिंग की जाती है। लैंडस्कैपिंग करने वाले गार्डन की जमीन को कहीं से ऊंचा तो कहीं से नीचा करते हैं तो किसी कोने में सीमेंट का...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Vastu Shastra in Landscape: बिल्डिंग, बड़े बंगले, होटल, क्लब, इत्यादि में गार्डन बनाए जाते हैं, जिन्हें सुंदरता देने के लिए गार्डन की लैंडस्कैपिंग की जाती है। लैंडस्कैपिंग करने वाले गार्डन की जमीन को कहीं से ऊंचा तो कहीं से नीचा करते हैं तो किसी कोने में सीमेंट का छोटा-सा पहाड़ बनाकर उसमें बहता हुआ झरना बनाते हैं तो कहीं फाऊण्टेन बनाते हैं। झरने और फाऊण्टेन में टिल्लू पम्प द्वारा पानी के बहाव को बनाए रखने के लिए जमीन में गड्ढा करके पानी एकत्र करना पड़ता है। ध्यान रहे गार्डन में भी ऊंचाई, नीचाई के वास्तु सिद्धांत लागू होते हैं। अतः सीमेंट का छोटा पहाड़ केवल नैऋत्य कोण में बनाना चाहिए और यदि उसमें बहता झरना बनाना है तो नैऋत्य कोण में जमीन में गड्ढा न करते हुए जमीन के ऊपर ही पानी एकत्र करने की व्यवस्था करनी चाहिए।
Where should I place my water fountain: गार्डन में गड्ढा करके फाऊण्टेन बनाना है तो उत्तर दिशा, ईशान कोण या पूर्व दिशा में ही बनाना चाहिए और शेष दिशाओं में फाऊण्टेन बनाना हो तो गड्ढा न करते हुए केवल जमीन के ऊपर ही फाऊण्टेन बनाना चाहिए। एक बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें कि फाऊण्टेन आग्नेय कोण में कभी नहीं बनाना चाहिए। चाहे वह जमीन के नीचे बनाना हो या जमीन के ऊपर बनाना हो।
Vastu Advice For The Gardens And Landscaping: सामान्यतः गार्डन के मध्य में लान होता है और कम्पाउण्ड वाल के साथ डेढ-दो फीट चैड़ी क्यारी बनाई जाती है जहां घास न लगते हुए सुंदर पौधे लगाए जाते हैं। यह क्यारी कई स्थानों पर लान से नीची और कई जगह पर लान से ऊंची बनी हुई देखने में आती है। इस क्यारी को बनाते समय भी वास्तु सिद्धान्तों का ध्यान रखते हुए दक्षिण और पश्चिम दिशाओं में लान के बराबर या थोड़ी ऊंची रखनी चाहिए और उत्तर तथा पूर्व दिशाओं में चार-छः इंच नीचे रखना वास्तुनुकूल होकर शुभ होता है।
वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा
thenebula2001@yahoo.co.in