Edited By Lata,Updated: 09 Jul, 2019 02:06 PM
हर किसी के जीवन में कभी न कभी कोई न कोई परेशानी कभी भी आ सकती है। लेकिन हर बार ऐसा तो नहीं होगा कि इंसान हर स्थिति का सामना
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परेशानी और समस्या दो ऐसे शब्द हैं जो हर किसी की ज़िंदगी में दस्तक देने को हमेशा तैयार रहते हैं। लेकिन हर बार ऐसा तो नहीं होगा कि इंसान हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहे। परंतु फिर भी व्यक्ति को कुछ परिस्थितियों के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। क्योंकि मुसीबत कभी दस्तक देकर नहीं आती है। आज हम आपको उसी चीज़ के बारे में बताएंगे कि कैसे व्यक्ति को परेशानी के समय हिम्मत से काम लेना चाहिए और गीता के अनुसार अपने कर्म करते रहना चाहिए।
जन्म व मरण
गीता कहती है कि संकटों से जूझ कर ही व्यक्ति का आत्मविकास होता है। आत्मा तो वस्त्र बदलती रहती है, तो आप यह भी समझ लेंगे कि न कोई मरता है और न कोई मारता है सभी निमित्त मात्र हैं। व्यक्ति अपने कर्मों के हिसाब से ही जीता और मरता है। इसलिए इंसान को अपने कर्म करते रहना चाहिए।
योग और आयुर्वेद
कहते हैं कि ऐसा कोई रोग नहीं है जिसे खत्म नहीं किया जा सकता और ऐसा कोई शोक नहीं है जिसे भगाया नहीं जा सकता। अपनी लाइफ स्टाइल को बदल दीजिए और उसे योग और आयुर्वेद के नियमों में ढाल लीजिए फिर देखिये चमत्कार। क्योंकि जो हम अपने दैनिक जीवन में करते हैं, क्या पता उसी की वजह से हमें कई मुसीबतों के सामना करना पड़ रहा हो। तो ऐसे में इंसान को अपने जीवन में थोड़ा बदलाव लाना जरूरी है। तभी वह मुसीबत का डटकर सामना कर सकता है।
कर्म
हिन्दू धर्म में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष यह चार पुरुषार्थ बताए गए हैं। शास्त्र कहते हैं कि धर्म का ज्ञान होना जरूरी है तभी कार्य में कुशलता आती है। व्यक्ति को अगर हर कार्य में सफल होना है तो उसे अपने कर्म करते रहना होगा। क्योंकि कर्मों के आधार पर ही व्यक्ति को मोक्ष का प्राप्ति होता है। ऐसा भी माना गया है कि अगर व्यक्ति पर कोई मुसीबत आती भी है तो वह भी उसे उसके कर्मों का फल कहा जाता है।
जीवन में नियम
बहुत से लोग हैं जो कभी भी उठ जाते है और कभी भी सो जाते हैं। कभी भी खा लेते हैं और कभी भी कहीं भी घूमने निकल जाते हैं। उनके जीवन में समय का कोई प्रबंधन नहीं होता है। जिसके जीवन में समय का प्रबंधन नहीं है वह बस अच्छे भविष्य के सपने ही देखा करता है। अत: जीवन में उठने का, पूजा करने का, खाने का, कार्य करने का सोने का और लक्ष्य को भेदना का नियम जरूर बनाएं। समय को व्यर्थ न बहाएं क्योंकि जीवन है बहुत छोटा सा।