जानें, कब और कैसे प्रकट हुए भोलेनाथ

Edited By Lata,Updated: 21 Jul, 2019 04:17 PM

learn how when and how bholenath

सावन में भोलेनाथ की पूजा दोनों रूपों में की जाती है। यानि  भगवान शिव की पूजा मूर्ति एवं शिवलिंग दोनों ही रूपों में होती है।

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
सावन में भोलेनाथ की पूजा दोनों रूपों में की जाती है। यानि  भगवान शिव की पूजा मूर्ति एवं शिवलिंग दोनों ही रूपों में होती है। सावन का महीना शंकर जी का पसंदीदा माह माना जाता है। इसलिए इस पूरे महीने शिवभक्त उनकी आराधना करने में लीन रहते हैं। सावन में सोमवार का व्रत करने वाले और शिवलिंग पर डल अर्पित करने वाले को मनचाहा वर मिलता है। लेकिन क्या किसी को ये बात पता है कि शिव की उत्पत्ति कैसे हुई? अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं। 
PunjabKesari, kundli tv
शास्त्रों में शिव जी को स्वयंभू माना गया है, यानि कि उनका जन्म नहीं हुआ और वो अनादिकाल से सृष्टि में हैं। लेकिन उनकी उत्पत्ति को लेकर अलग-अलग कथाएं सुनने को मिलती है। जैसे पुराणों के अनुसार शिव जी भगवान विष्णु के तेज से उत्पन्न हुए हैं, जिस वजह से महादेव हमेशा योगमुद्रा में रहते हैं। 

शिवलिंग और ज्योतिर्लिंग में क्या अंतर है ?

वहीं, श्रीमद् भागवत के अनुसार एक बार जब भगवान विष्णु और ब्रह्मा अहंकार के वश में आकर अपने आप को श्रेष्ठ बताते हुए लड़ रहे थे तब एक जलते हुए खंभे से भगवान शिव प्रकट हुए। 
PunjabKesari, kundli tv
विष्णु पुराण में शिव के वर्णन में लिखा है कि एक बच्चे की जरूरत होने के कारण ब्रह्माजी ने तपस्या की जिसकी वजह से अचानक उनकी गोद में रोते हुए बालक शिव प्रकट हुए। ब्रह्मा ने बच्चे से रोने का कारण पूछा तो उसने बड़ी मासूमियत से जवाब दिया कि उसका कोई नाम नहीं है इसलिए वह रो रहा है। 
PunjabKesari, kundli tv
तब ब्रह्मा ने शिव का नाम ‘रूद्र’ रखा जिसका अर्थ होता है ‘रोने वाला’। शिव तब भी चुप नहीं हुए। इसलिए ब्रह्मा ने उन्हें दूसरा नाम दिया पर शिव को नाम पसंद नहीं आया और वे फिर भी चुप नहीं हुए। इस तरह शिव को चुप कराने के लिए ब्रह्मा ने 8 नाम दिए और शिव 8 नामों (रूद्र, शर्व, भाव, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान और महादेव) से जाने गए। शिव पुराण के अनुसार यह नाम पृथ्वी पर लिखे गए थे।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!