Edited By Lata,Updated: 24 Jan, 2021 11:47 AM
किसी व्यक्ति ने एक संत से पूछा इस जीवन को सुंदर बनाने की चाह है।
किसी व्यक्ति ने एक संत से पूछा इस जीवन को सुंदर बनाने की चाह है। अंत: मुझे जीवन को और बेहतर बनाने का मंत्र बताएं। संत ने अपने पास रखी हुई तीन चीजें उठाकर उस व्यक्ति को दे दीं-थोड़ी-सी रूई, एक मोमबत्ती और सूई। तीनों चीजें हाथ में देने के बाद कहा बस हो गया उपदेश, अब जाओ।
वह आदमी चल पड़ा, पर उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि संत ने ये चीजें क्यों दी हैं। वह व्यक्ति वापस संत के पास जाकर बोला, ‘‘महाराज यह जो कुछ आपने दिया यह मेरी समझ में नहीं आ रहा है।’’
संत ने कहा, ‘‘यह जो रूई दी है, इसकी एक ही खासियत है कि यह धागा बनकर हर एक की लाज रखती है। मेरे परमात्मा का प्यारा इंसान भी वही है जो दूसरों की लाज ढका करता है और दूसरों को संरक्षण देता है और यह मोमबत्ती जलती जरूर है लेकिन प्रकाश बनकर सब जगह फैल जाती है। ऊंचाई तक पहुंच जाती है। तुम भी इसी रूप को धारण करो। पूरी जिंदगी लगा देना, दूसरों के लिए प्रकाश बनकर रहना।’’
‘‘तीसरी चीज तुम्हें दी है-‘सूई’। सूई के बिना संसार का काम नहीं चलता। टुकड़ों को, कटे हुए को, फटे हुओं को जोडऩे का काम सूई ही करती है। सूई के बिना कोई जुड़ाव नहीं करता। तो दुनिया में भी परमात्मा का प्यारा वही है जो फटे हुए दिलों को सिला करता है,जो टूटे दिलों को जोड़ा करता है, बिखरे हुओं को जो इकट्ठा करता है।’’ यही मेरा उपदेश है।