Edited By ,Updated: 31 Oct, 2016 08:55 AM
प्रतिमा, चित्र और शिवलिंग के रूप में पूजनीय भगवान शिव सभी का कल्याण करने वाले देव हैं। देश के अलग-अलग भागों में भगवान शिव बारह ज्योतिर्लिगों के रूप
प्रतिमा, चित्र और शिवलिंग के रूप में पूजनीय भगवान शिव सभी का कल्याण करने वाले देव हैं। देश के अलग-अलग भागों में भगवान शिव बारह ज्योतिर्लिगों के रूप में न सिर्फ विराजमान हैं बल्कि उनके दर्शनों के लिए देश-विदेशों से भक्तजन आते हैं।
भगवान शिव सभी भक्तों के लिए सहज सुलभ हैं। बिल्व पत्र, पुष्प, फल, धतूरा, भांग, गंगा जल, दूध, घी, शहद, अन्न आदि से प्रसन्न होने वाले शिव अपने भक्तों को सुख, समृद्धि, शांति, प्रेम, दया रूपी आशीर्वाद प्रदान करते हैं। लिंग रूप में भगवान शिव निर्माण, पोषण और संहार के देव हैं।
स्कंद पुराण के अनुसार अनंत आकाश, शिवलिंग ही हैं। ऋग्वेद में भी शिवलिंग की उपासना का उल्लेख मिलता है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के अलावा दशानन रावण ने भी शिवलिंग की उपासना करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया था। कूर्म पुराण में भगवान शिव ने स्वयं को विष्णु और देवी माना है। इस कारण शिव को देवाधिदेव महादेव भी कहा जाता है।
हमारे पुरातन धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव ने संसार को न्याय, प्रेम और शांति का संदेश दिया था। उन्होंने अत्याचार का अंत करके अपने भक्तों को अभय दान दिया। पवनपुत्र हनुमान और भैरव के रूप में भगवान शिव ने जगत का कल्याण ही किया। देवताओं में श्रेष्ठ, भक्तों का कल्याण करने वाले भगवान शिव की उपासना और आराधना समस्त कष्टों और ग्रह, नक्षत्रों के दोष और अशुभ प्रभाव को दूर करती हैं।