सावन पर चमत्कार : भगवान शिव ने अपने भक्त के घर भेजे 100 कोबरा... आप भी देखें

Edited By Jyoti,Updated: 09 Jul, 2020 04:58 PM

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धार्मिक किंवदंतियों की मानें तो सावन हो या शिवरात्रि भोलेनाथ अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर कोई न कोई ऐसा प्रमाण देते हैं।

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धार्मिक किंवदंतियों की मानें तो सावन हो या शिवरात्रि भोलेनाथ अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर कोई न कोई ऐसा प्रमाण देते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ है बैतूल जिले के भीमपुर में। जी हां, जहां एक तरफ़ लोग इस बात से परेशान हैं कि कोरोना काल में भगवान शिव को प्रसन्न करने में असमर्थ होंगे तो वहीं कुछ ऐसे लोग हैं जो भोलेनाथ को घर में प्रसन्न करने की तैयारियों में जुटे हुए हैं। ऐसे में भोलेनाथ ने भी अपने भक्तो को एक ऐसा संकेत दिया है कि जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। 
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खबर है मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के भीमपुर ब्लाक के चुनालोहमा ग्राम पंचायत के भुरूढाना गांव की। जहां एक किसान के घर के नज़दीक सैकड़ो सांप निकले जिसे एक गंज में रखा गया है। जिसके बाद यहां के ग्रामीण अब इन सांपों की पूजा पाठ करने लगे हैं। 
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हालांकि लोगों का बताना है कि यहां आज तक इतने सांप एक साथ कभी नही देखे गए। बता दें किसान चिन्धु पाटनकर के घर के पास ज़मीन से एक बिल से निकले इन सांपों को एक गंज में रखा गया है और पूजन-पाठ के लिए ग्रामीणों का तांता लगा हुआ है।

इन सांपों को पूजनीय माने जाने का कारण नाग देवता का भगवान शंकर से संबंध है। धार्मिक कथाओं के अनुसार वासुकि नाग भगवान शिव के परम भक्त थे। ऐसा कहा जाता है कि नाग जाति के लोगों द्वारा ही सर्वप्रथम शिवलिंग की पूजा का प्रचलन शुरू हुआ था। तथा वासुकि की भक्ति से प्रसन्न होकर ही भगवान शिव ने उन्हें अपने गणों में शामिल कर लिया था, जो आगे चलकर समस्त नागलोक के राजा कहलाए थे। 
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एक अन्य मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब भगवान शंकर ने विष पान कर लिया था तो उसे गले में रोकने के लिए भगवान शंकर ने अपने गले में नाग को लपेट लिया था। जिसके बाद नाग को भगवान शंकर के आभूषण के रूप में जाना जाने लगा। यही कारण है भले ही लोग साल भर सांप को देखते ही लाठी डंडे लेकर मारने दौड़ते हों, परंतु सावन के पूरे मास में, इन सांपों को मारने की बजाए उनका दर्शन करते हैं। कहा जाता है इस पावन मास में इनका दर्शन ईश्वर के दर्शन जैसा पुण्यदायी माना जाता है।

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