भगवान शिव ने इस श्लोक से महागौरी की स्तुति करी थी, आप भी करें

Edited By ,Updated: 28 Mar, 2017 02:53 PM

lord shiva had praised mahagauri from this stanza

संपूर्ण संसार की उत्पत्ति के पीछे आदि शक्ति मां जगत जननी ही मूल तत्व हैं और जगत माता के रूप में उनकी उपासना की जाती है।

संपूर्ण संसार की उत्पत्ति के पीछे आदि शक्ति मां जगत जननी ही मूल तत्व हैं और जगत माता के रूप में उनकी उपासना की जाती है। शक्ति सृजन और नियंत्रण की पारलौकिक शक्ति है। पुराणों के मतानुसार शिव भी शक्ति के अभाव में शव या निष्क्रिय बताएं गए हैं। भगवान शिव जी की अर्धांगिनी पार्वती जी को ही शैलपुत्री‍, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री आदि नामों से जाना जाता है। आदि शक्ति मां दुर्गा का ध्यान करने वाले के जीवन में कभी शोक और दुख नहीं आता। मां का केवल एक रूप है, अनेक नहीं इस रहस्य का ज्ञात होने से जातक भगवान शिव की शक्ति के ओज मंडल में शामिल हो जाता है।


मनुष्य की विभिन्न प्रकार की शक्तियों को प्राप्त करने की अनंत इच्छा ने शक्ति की उपासना को व्यापक आयाम दिया है। यहां प्रस्तुत है माता के अनेकों रूपों का वर्णन। माता पार्वती, उमा, महेश्वरी, दुर्गा, कालिका, शिवा, महिसासुरमर्दिनी, सती, कात्यायनी, अम्बिका, भवानी, अम्बा, गौरी, कल्याणी, विंध्यवासिनी, चामुन्डी, वाराही, भैरवी, काली, ज्वालामुखी, बगलामुखी, धूम्रेश्वरी, वैष्णोदेवी, जगधात्री, जगदम्बिके, श्री, जगन्मयी, परमेश्वरी, त्रिपुरसुन्दरी, जगात्सारा, जगादान्द्कारिणी, जगाद्विघंदासिनी, भावंता, साध्वी, दुख्दारिद्र्य्नाशिनी, चतुर्वर्ग्प्रदा, विधात्री, पुर्णेंदुवदना, निलावाणी, पार्वती,सर्वमंगला, सर्वसम्पत्प्रदा, शिवपूज्या, शिवप्रिता, सर्वविध्यामयी, कोमलांगी, विधात्री, नीलमेघवर्णा, विप्रचित्ता, मदोन्मत्ता, मातंगी, देवी खडगहस्ता, भयंकरी,पद्मा, कालरात्रि, शिवरुपिणी, स्वधा, स्वाहा, शारदेन्दुसुमनप्रभा, शरद्'ज्योत्सना, मुक्त्केशी, नंदा, गायत्री, सावित्री, लक्ष्मी ,अलंकार, संयुक्ता, व्याघ्रचर्मावृत्ता, मध्या, महापरा, पवित्रा, परमा, महामाया, महोदया इत्यादी देवी भगवती के कई नाम हैं।


भगवान शिव ने जब अपनी आराध्य शक्ति को नमस्कार कर उनकी पूजा की तो उस समय मंगल कामना के लिए इस श्लोक से महागौरी की स्तुति की थी। 

 

या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।। 

 

अगर आप भी माता रानी की कृपा पाना चाहते हैं तो नवरात्रों के दिनों में रोजाना इस श्लोक का पाठ करें।

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