Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Apr, 2022 07:53 AM
देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।''
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Navratri 2022 Kushmanda Devi Puja Vidhi Mantra: देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।'
इस मंत्र का जाप नवरात्रि के चतुर्थ दिन करने से देवी कूष्माण्डा की कृपा प्राप्त होती है। कूष्माण्डा का एक अर्थ होता है कुम्हड़ा और दूसरा अर्थ है ब्रह्मांड की ऊर्जा का स्रोत। देवी का यह नाम उनके तेजोमय रूप के कारण पड़ा। आठ भुजाओं वाले इन देवी के हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृत पूर्ण कलश, चक्र तथा गदा वे सभी प्रकार की सिद्धियां और निधियां देने वाली जपमाला होती है। सिंह पर सवार देविका यह दिव्य अलौकिक रूप भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है। देवी का प्रिय आहार कुम्हड़ा, दही एवं हलवा है। कुष्मांडा देवी का पूजन करने से सूर्य, मंगल बुध ग्रह बली होते हैं। देवी का पूजन करने से समस्त प्रकार के रोगों का नाश होता है। सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली यह देवी घर में संपन्नता व आर्थिक उन्नति भी लाती हैं। मां कूष्मांडा की पूजा से मनचाही सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं।
पीले रंग के पके हुए कुम्हड़े की बलि देवी कूष्माण्डा को देने से घर में से दरिद्रता दूर होती है।
लंबे समय से रोग से ग्रसित लोग आज के दिन देवी को सवा मन आटा अर्पण करें, हर प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलेगी।
सरकारी कामों में सफलता प्राप्त करने के लिए देवी को आंवले की बनी एक माला अर्पण करें।
कुम्हड़ा का बना हलवा देवी को चढ़ाने से घर में संपन्नता व आर्थिक प्रगति आती है।
नीलम
8847472411