Edited By Jyoti,Updated: 25 Jul, 2018 03:51 PM
भगवान गणेश प्रथम पूज्य देवता हैं, उनको यह वरदान महादेव शिव शंकर के साथ-साथ विश्व ब्रह्मा और अन्य देवताओं ने दिया। हिंदू धर्म में जब भी कोई शुरू काम शुरू किया जाता है तो सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा की जाती है।
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भगवान गणेश प्रथम पूज्य देवता हैं, उनको यह वरदान महादेव शिव शंकर के साथ-साथ विश्व ब्रह्मा और अन्य देवताओं ने दिया। हिंदू धर्म में जब भी कोई शुरू काम शुरू किया जाता है तो सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा की जाती है। बताया जाता है कि गणेश माता पार्वती जी के पुत्र हैं। जिनकी उत्पत्ति उन्होंने अपने शरीर पर लगे हुए उबटन की मैल से करके उसमें प्राण डालकर एक सुंदर बालक का रूप दिया था।
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता पार्वती जब स्नान करने अपने महल में गई तो उन्होंने बालक गणेश को तैनात कर दिया कि और कहा कि किसी को भीतर न आने दिया जाए। गणेश अपनी मां के आदेश अनुसार पूरी चौकसी के साथ बाहर खड़े रहे। इतने में महादेव शिव शंकर वहां आए और उन्होंने महल के भीतर जाने की कोशिश की लेकिन बालक गणेश ने उन्हें भीतर जाने से रोक दिया। भगवान शंकर ने बालक गणेश को बहुक समझाने की कोशिश की कि वो महादेव हैं और पार्वती के पति हैं, मगर बालक गणेश ने उन्हें भीतर जाने दिया। जिस पर भगवान शंकर क्रोधित हो उठे और क्रोधवश उन्होंने अपने त्रिशूल से बालक गणेश का सिर धड़ से अलग कर दिया। लेकिन माता पार्वती को जब इस बात का पता चला तो वो विलाप करने लगी और क्रोध में आ गई उनको क्रोध कर शांत करने के लिए भगवान शंकर ने बालक गणेश के धड़ पर हाथी का सिर रख उन्हें पुनः जीवित कर दिया। जिसके बाद भगवान शंकर व अन्य देवताओं ने उस गजमुख बालक को अनेक आशीर्वाद दिए। देवताओं ने गणेश, गणपति, विनायक, विघ्नहरता, प्रथम पूज्य आदि कई नामों से उस बालक की स्तुति की। इन आशीर्वादों के कारण ही आज भी भगवान शंकर से पहले गणपति की पूजा की जाती है।
भारत के बहुत से हिस्सों में बड़ी संख्या में इनके मंदिर स्थापित हैं। जहां इनके भक्त पूरे विधि-विधान से इनका पूजन-अर्चन करते हैं। सभी मंदिर अपने-अपने कथाओं और चमत्कारों के कारण प्रसिद्ध हैं। तो आईए आज हम आपको केरल के एक ऐसे मंदिर के बारें में बताते हैं जो अपने आप में प्राचीन और प्रसिद्ध है। इस मंदिर का नाम है मधुर महागणपति मंदिर। इस मंदिर से जुड़ी सबसे दिलचस्प बात ये है कि शुरुआत में तो ये भगवान शिव का मंदिर था लेकिन पुजारी के छोटे से बेटे ने यहां मंदिर की दीवार पर भगवान गणेश की प्रतिमा का निर्माण किया। कहते हैं मंदिर के गर्भगृह की दीवार पर बनाई हुई बच्चे की प्रतिमा धीरे-धीरे अपना आकार बढ़ाने लगी। वो हर दिन बड़ी और मोटी होती गई। उस समय से ये मंदिर भगवान गणेश का बेहद खास मंदिर हो गया।
कहीं आपके घर में भी तो नहीं लगा एेसा Gate