Edited By Lata,Updated: 10 Jan, 2020 03:52 PM
सनातन धर्म में बहुत से ऐसी परंपराएं हैं, जो सदियों से चली आ रही हैं। इन्हीं में से परंपरा है माघ के महीने में स्नान करने
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सनातन धर्म में बहुत से ऐसी परंपराएं हैं, जो सदियों से चली आ रही हैं। इन्हीं में से परंपरा है माघ के महीने में स्नान करने की। बता दें कि आज से माघ स्नान शुरू हो गया है। कहते हैं कि जो लोग इस दिन गंगा स्नान करते हैं, उनके सारे पाप दूर हो जाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि माघ मास में मेले भी लगते हैं जोकि आज यानि पौष मास की पूर्णिमा से शुरू होकर 21 फरवरी महाशिवरात्रि तक चलेंगे। इस भव्य और विशाल मेले का आयोजन हर साल प्रयागराज में संगम के तट पर होता है।
संगम तट पर कल्पवास माघ मेले के दौरान संगम तट पर ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए श्रद्धालु कुछ दिनों के लिए वास करते हैं। आस्था की दृष्टि से इसे ‘कल्पवास’ कहा जाता है। इस शुभ अवसर पर पौष पूर्णिमा से ही संगम के तट पर श्रद्धालुओं के जुटने का सिलसिला आरंभ हो जाता है, जोकि पूरे माघ माह से लेकर महाशिवरात्रि तक चलता है। आज हम आपको इस दिन जुड़ी कुछ विशेष तिथियों के बारे में बताने जा रहे हैं-
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पौष पूर्णिमा- 10 जनवरी (शुक्रवार)
मकर संक्रांति- 15 जनवरी (बुधवार)
मौनी अमावस्या- 24 जनवरी (शुक्रवार)
बसंत पंचमी- 30 जनवरी (मंगलवार)
माघी पूर्णिमा- 9 फरवरी (रविवार)
महाशिवरात्रि- 21 फरवरी (शुक्रवार)
इनमें से हर एक दिन खास माना गया है, किंतु मौनी अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ होता है। ऐसे में बहुत से लोग ऐसे होंगे जो माघ के पूरे महीने में स्नान नहीं कर पाते होंगे तो इसके लिए मौनी अमावस्या की शुभ तिथि चुन सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर देवता धरती पर रूप बदलकर आते हैं और संगम में स्नान करते हैं।
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