Edited By Lata,Updated: 03 Feb, 2020 11:44 AM
जैसे कि सब जानते ही हैं कि माघ का महीना सारे महीनों में से पवित्र माना जाता है। कहते हैं कि माघ के
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जैसे कि सब जानते ही हैं कि माघ का महीना सारे महीनों में से पवित्र माना जाता है। कहते हैं कि माघ के पूरे मास स्नान करने का विधान शास्त्रों में बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 27 नक्षत्रों में एक मघा से माघ पूर्णिमा की उत्पत्ति हुई है। कुछ मान्यताओं के मुताबिक माघ पूर्णिमा पर खुद भगवान विष्णु गंगाजल में वास करते हैं, इसलिए इस दिन गंगा स्नान का खास महत्व है। इस साल ये खास दिन 9 फरवरी दिन रविवार को पड़ रहा है। आइए आगे जानते हैं इस दिन क्या करना चाहिए और क्या है इसका महत्व?
क्या करें
माघ पूर्णिमा पर सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। विष्णु की पूजा के बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें। इसके बाद जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े, कंबल, तिल, गुड़, घी, फल और अन्न आदि दान करें।
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इस दिन सोने और चांदी का भी दान शुभ माना गया है। इसके अलावा इस दिन गौ दान करने से विशेष लाभ मिलता है।
माघ पूर्णिमा पर व्रत रखना शुभ फलदायक माना गया है। अगर संभव न हो तो एक संध्या फलाहार किया जा सकता है।
व्रत के दौरान किसी पर गुस्सा करना शुभ नहीं माना गया है। इसके अलावा घरेलू कलहों से भी बचना चाहिए। इस तरह माघ पूर्णिमा के व्रत को संयमता से रखा जाए तो पुण्य फल प्राप्त होता है।
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क्या है महत्त्व
माघ पूर्णिमा के महत्त्व का उल्लेख पौराणिक ग्रन्थों में मिलता है। जिसके मुताबिक इस दिन देवता अपना रूप बदलकर गंगा स्नान के लिए प्रयागराज आते हैं। जो श्रद्धालु प्रयागराज में एक महीने तक कल्पवास करते हैं उसका समापन माघ पूर्णिमा के दिन ही होता है। कल्पवास करने वाले सभी श्रद्धालु माघ पूर्णिमा पर गंगा माता की पूजा-अर्चना कर साधू, संतों और ब्राह्मणों को आदर से भोजन कराते हैं। मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने से शरीर के रोग नष्ट होते हैं।