Kundli Tv- महालक्ष्मी व्रत: दोगुना-चौगुना हो जाएगा आज खरीदा सोना

Edited By Jyoti,Updated: 02 Oct, 2018 10:16 AM

mahalakshmi vrat

पौराणिक शास्त्रों में देवी लक्ष्मी को ‘श्री’ के नाम जाना जाता है, इसके अलावा भी इनके कई नाम है, जैसे चंचला आदि।

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पौराणिक शास्त्रों में देवी लक्ष्मी को ‘श्री’ के नाम जाना जाता है, इसके अलावा भी इनके कई नाम है, जैसे चंचला आदि। हिंदू धर्म में श्री का अर्थ शुभ होता है। अब जाहिर सी बात है कि शुभ लक्ष्मी कौन नहीं चाहता। कहते हैं कि लक्ष्मी यानि पैसा सिर्फ धन नहीं, बल्कि हर व्यक्ति की पहचान होती है। कहने का भाव यह है कि जिसके पास जितना ज्यादा पैसा होता है, समाज में उस इंसान का रुतबा भी उतना ही बड़ा हो जाता हो।
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धार्मिक ग्रंथों की मानें तो लक्ष्मी के 8 स्वरूपों में से सबसे सर्वश्रेष्ठ इनका गजलक्ष्मी रूप  
माना गया है। कहा जाता है कि इनके इस रूप की पूजा कलयुग में हर तरह का सुख देने वाली है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 16 दिनों तक चलने वाला महालक्ष्मी व्रत देवी गजलक्ष्मी की साधना का ही महापर्व कहलाता है। इस बार यह व्रत आज यानि 2 अक्टूबर 2018 को मनाया जा रहा है।
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आइए जानते हैं इनसे संबंधित कुछ बातें- 
लगभग सभी लोगों को पता ही होगा कि श्राद्ध पक्ष में शुभ कार्य करना, नई वस्तुएं खरीदना, नए वस्त्र खरीदनें की मनाही होती है। लेकिन इस दौरान आने वाले पितृपक्ष की अष्टमी का दिन बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि मान्यता के अनुसार श्राद्ध पक्ष में आने वाली अष्टमी को लक्ष्मी जी का वरदान प्राप्त है। इस दिन को विशेष इसलिए माना जाता है क्योंकि इस दिन सोना खरीदना बहुत शुभ होता है। इसके बारे में ये तक कहा जाता है कि इस दिन खरीदा गया सोना आठ गुना बढ़ता है। इसके साथ ये भी कहा जाता है कि शादी की खरीदारी के लिए भी यह दिन बहुत उपयुक्त माना गया है। ज्योतिष के मुताबिक इस दिन हाथी पर सवार मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

क्या है इस व्रत की पूजन विधि- 
शाम के समय स्नान कर घर के देवालय में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर केसर मिले चंदन से अष्टदल बनाकर उस पर चावल रख जल कलश रखें। कलश के पास हल्दी से कमल बनाकर उस पर माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। घर में मिट्टी का हाथी बनाकर या बाज़ार से लाकर उसे स्वर्णाभूषणों से सजाएं। इसके बाद नया खरीदा सोना हाथी पर रख दें माना जाता है कि एेसा करने से विशेष लाभ मिलता है। आप देवी लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने श्रीयंत्र भी रख सकते हैं, इसका कमल के फूल से पूजन करें। इसके अलावा सोने-चांदी के सिक्के, मिठाई, फल भी रखें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इनकी पूजा के दौरान किसी भी प्रकार की कोई गलती न हो। 
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मां लक्ष्मी की पूजा के नियम-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां लक्ष्मी की पूजा सफ़ेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए। मां लक्ष्मी के उस चित्र व प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए, जिसमें वह गुलाबी कमल के पुष्प पर बैठी हों। साथ ही उनके हाथों से धन बरस रहा हो। मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है। मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप स्फटिक की माला से करने पर वह तुरंत प्रभावशाली होता है। मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। अब आपको बताते हैं कि धन से जुड़ी अलग-अलग समस्याओं के लिए क्या-क्या उपाय करने चाहिए।
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