Edited By Jyoti,Updated: 25 Apr, 2022 04:27 PM
सोमवार का दिन भगवान शंकर को समर्पित है, इसलिए इसलिए इस दिन शिव भक्त इस दिन अनेक प्रकार से इनकी पूजा-अर्चना करने का प्रयास करते हैं।
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सोमवार का दिन भगवान शंकर को समर्पित है, इसलिए इसलिए इस दिन शिव भक्त इस दिन अनेक प्रकार से इनकी पूजा-अर्चना करने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा शिव जी का एक ऐसा मंत्र है जिसे ने केवल भक्त सोमवार के दिन जपते हैं, बल्कि ये ऐसा मंत्र जिसका दिन में कभी भी जप किया जा सकता है। बता दें हम बात करे रहे हैं शिव जी के महामृत्युंजय मंत्र की, जिससे जुड़े धार्मिक मान्यताएं हैं कि जो व्यक्ति इस मंत्र का श्रद्धा विश्वास से जप करता है, उसके जीवन में से भय व जीवन के विभिन्न दोष दूर होते हैं साथ ही साथ सुख-समृद्धि की जीवन में कभी कमी नहीं आती। आज हम आपको महामृत्युंजय मंत्र के उच्चारण करने से होने वाले 5 लाभ के बारे में-
सबसे पहले यहां जानें महामृत्युंजय मंत्र-
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
संस्कृत में महामृत्युंजय का मतलब मृत्यु को जीतने वाला बताया गया है, इसलिए मृत्यु से बचने के लिए इस मंत्र द्वारा भगवान शिव की अराधना की जाती है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से किया जाता जिसके परिणाम स्वरूप कष्टों से मुक्ति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा में विकास होता है। अतः मनुष्य को नियमित रूप से कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए।
शास्त्रों में वर्णित है कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। इतना ही नहीं, इसके नियमित जप से व्यक्ति की उम्र लंबी होती है।
चूंकि शिव जी को ये मंत्र अधिक प्रिय है इसलिए कहा जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र के जाप से भगवान शिव जल्दी हो जाते हैं। तथा इस जप के शुभ प्रणाम के रूप में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है व व्यक्ति को कभी जीवन में धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता।
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार इस मंत्र के जाप से व्यक्ति का समाज में वर्चस्व बना रहता है। तो वहीं जो जातक रोज़ाना इस मंत्र का उच्चारण करना है, उसका समाज में मान-सम्मान बढ़ता है।
जिस व्यक्ति को किसी तरह का रोग परेशान कर रहा हो, उसे भी महामृत्युंजय मंत्र का रोजाना जप करना चाहिए। इसके जाप से व्यक्ति को कई तरह के रोगों से छुटकारा मिलता है।
इसके अलावा इस मंत्र को संतान प्राप्ति के लिए भी विशेष माना जाता है। इस मंत्र का नियमित रूप से जप करने से संतान प्राप्ति का सुख शीघ्र जल्दी प्राप्त होता है।