Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Nov, 2017 11:15 AM
सभी मंदिरों में जहां भगवान की पूजा के लिए फूल, मालाएं, नारियल और नकद या आभूषणों का दान किया जाता हैं वहीं महाराष्ट्र के उपनगर चेम्बूर में एक ऐसा छोटा सा मंदिर भी है जहां भगवान को प्रसन्न करने का अलग ही तरीका है। यह मंदिर है बाबा भैरोंनाथ का, जहां...
मुंबई: सभी मंदिरों में जहां भगवान की पूजा के लिए फूल, मालाएं, नारियल और नकद या आभूषणों का दान किया जाता हैं वहीं महाराष्ट्र के उपनगर चेम्बूर में एक ऐसा छोटा सा मंदिर भी है जहां भगवान को प्रसन्न करने का अलग ही तरीका है। यह मंदिर है बाबा भैरोनाथ का, जहां भगवान को शराब चढ़ाकर प्रसन्न किया जाता है। श्रद्धालु हर साल ‘कार्तिक एकादशी’ का इंतजार करते हैं ताकि वे अपने देवता को व्हिस्की, रम, वोडका और अन्य किस्म की शराब चढ़ा सकें।
मंदिर का निर्माण तकरीबन चार दशक पहले हुआ था, जो एक श्मशान के पास स्थित है। इस सप्ताह के शुरू में हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक एकादशी के दिन मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। देवता को चढ़ाई गयी शराब को बाद में श्रद्धालु ‘प्रसाद’ के तौर पर ग्रहण करते हैं। भैरोंनाथ को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। मंदिर की देखरेख करने वाले रमेश लोहाना ने कहा, ‘‘कार्तिक एकादशी हमारे लिये सबसे शुभ दिन होता है। इस दिन का हमलोग पूरे साल इंतजार करते हैं। सभी धर्मों से हजारों श्रद्धालु इस दिन मंदिर आते हैं और शराब चढ़ाते हैं। यह परंपरा बीते 40 वर्ष से चली आ रही है।’’
लोहाना ने बताया कि भारत में मंदिरों में भगवान को शराब चढ़ाने की परंपरा में कुछ खास नहीं है।