Mahashivratri 2022: ये है महाशिवरात्रि पूजा की सही विधि और शुभ मुहूर्त

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Feb, 2022 09:27 AM

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महाशिवरात्रि हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक है। शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का एक महान पर्व है

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Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक है। शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का एक महान पर्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था इसलिए भक्तगण महाशिवरात्रि को गौरी-शंकर की शादी की सालगिरह के रूप में मनाते हैं। महाशिवरात्रि की पूजा विधि के विषय में भी अलग-अलग मत हैं। सनातन धर्म के अनुसार शिवलिंग स्नान के लिये रात्रि के प्रथम प्रहर में दूध, दूसरे प्रहर में दही, तीसरे प्रहर में घृत और चौथे प्रहर में मधु, यानी शहद से स्नान करना चाहिए। चारों प्रहर में शिवलिंग स्नान के लिये मंत्र भी हैं-

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प्रथम प्रहर में- ‘ह्रीं ईशानाय नमः’
दूसरे प्रहर में- ‘ह्रीं अघोराय नमः’
तीसरे प्रहर में- ‘ह्रीं वामदेवाय नमः’
चौथे प्रहर में- ‘ह्रीं सद्योजाताय नमः’।।
मंत्र का जाप करना चाहिए।

Mahashivratri puja vidhi महाशिवरात्रि की पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन सबसे पहले शिवलिंग पर चन्दन का लेप लगाकर पंचामृत से स्नान कराना चाहिए।

महाशिवरात्रि व्रत काल के दौरान मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर ‘शिवलिंग’ पर चढ़ाना चाहिए।

अगर आसपास कोई शिव मंदिर नहीं है तो घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जाना चाहिए। साथ ही शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप इस दिन करना चाहिए।

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शिव पूजा के बाद गोबर के उपलों की अग्नि जलाकर तिल, चावल और घी की मिश्रित आहुति देनी चाहिए। इस तरह होम के बाद किसी भी एक साबुत फल की आहुति दें। सामान्यतया लोग सूखे नारियल की आहुति देते हैं। व्यक्ति यह व्रत करके, ब्राह्मणों को खाना खिलाकर और दीपदान करके स्वर्ग को प्राप्त कर सकता है। महाशिवरात्री के दिन रात्रि जागरण का भी विधान है।

Mahashivratri 2022 ka shubh muhurat: महाशिवरात्रि पर पहला प्रहर का मुहूर्त- 1 मार्च शाम 6 बजकर 21 मिनट से रात्रि 9 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।

दूसरे प्रहर का मुहूर्त- 1 मार्च रात्रि 9 बजकर 27 मिनट से 12 बजकर  33 मिनट तक  रहेगा।

तीसरे प्रहर का मुहूर्त- 1 मार्च रात्रि 12 बजकर 33 मिनट से सुबह 3  बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

चौथे प्रहर का मुहूर्त- 2 मार्च सुबह 3 बजकर 39 मिनट से 6 बजकर 45 मिनट तक रहेगा

जबकि व्रत पारण का शुभ समय- 2 मार्च बुधवार को सुबह  6 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

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