Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Jun, 2021 07:08 AM
महेश नवमी को भगवान शिव की महेश्वर रूप में पूजा की जाती है। ज्येष्ठ मास की नवमी को महेश नवमी तिथि के रूप मनाया जाता है। महेश नवमी इस बार शनिवार के दिन पड़ रही है। शनिदेव
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2021 Mahesh Navami: महेश नवमी को भगवान शिव की महेश्वर रूप में पूजा की जाती है। ज्येष्ठ मास की नवमी को महेश नवमी तिथि के रूप मनाया जाता है। महेश नवमी इस बार शनिवार के दिन पड़ रही है। शनिदेव के गुरुदेव का यह पर्व शनि महाराज को प्रसन्न करने के लिए अति शुभ योग ले के आय है। महेश का अर्थ होता सबसे श्रेष्ठ" ईश्वर"। आज के दिन भगवान शंकर ने माहेश्वरी समाज को श्राप मुक्त किया और उन्हें अपना नाम दिया। भगवान शिव तो भोले हैं। उनकी वंदना करने के लिए न ही शुभ मुहूर्त का इंतज़ार करना होता है और न ही जटिल विधान करने का कोई खास नियम है। वे सच्ची निष्ठा एवं भक्ति से ही भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं परन्तु कुछ खास दिनों अथवा पर्वों पर प्रभु की विशेष कृपा भक्तों को मिलती है। इन पर्वों पर वे अपने भक्तों से अधिक निकट होते हैं। और जल्दी उनकी प्रार्थना स्वीकार्य होती है। इस बार तो पवित्र पर्व गुरु और शिष्य दोनों की कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम है। भगवान शंकर की भक्ति और वंदना करने वाले भक्तों को शनि करुणा की प्राप्ति भी हो जाती है। तो आइए जानते हैं क्या करें, ऐसा खास की बन जाएं शिव जी के चहेते और शनि महाराज को कर लें इंप्रेस।
Mahesh Navami upay: आज के दिन शिव महिमा का पठन और संकीर्तन अवश्य करें। उनकी पूरी विधि से पूजा करें। पुष्पों से श्रृंगार करें। मां भगवती माहेश्वरी को भी सोलह श्रृंगार चढ़ाएं। दोनों की साथ में पूजा बेहद ज़रूरी है। इसके पश्चात चंदन की लकड़ी का टुकड़ा एवं उसको घिसने वाला पत्थर शिवालय में चढ़ाएं। ऐसा करने पर शनि के अत्यंत शुभ परिणाम मिलेंगे।
महेश्वर की पूजा करते समय लकड़ी की चरण पादुकाएं शिव जी और माता पार्वती को समर्पित करें।
एक कांसे के कटोरे में सरसों का तेल भर के उसे शिव जी के चरणों में समर्पित करें। शनि के सभी दुष्परिणाम दूर हो जाएंगे।
घर की पश्चिम दिशा में भगवान शिव का चित्र लगाने से घर में शनि दोष नहीं लगता।
आज के दिन किसी मजदूर, गरीब, व याचक को खाली हाथ न जाने दें। अपनी शक्ति के अनुसार उनकी इच्छा पूरी करने का प्रयास करें।
पीली और लाल सरसों दोनों समान मात्रा में लेकर किसी पुजारी को दान करें। शनि कृपा बनी रहेगी।
आज के दिन शिवालय की सफाई करें। शिव भक्तों की चप्पले साफ करने की सेवा करें। आप शिवजी और शनि दोनों की कृपा से निहाल हो जाएंगे।
नीलम
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