महेश नवमी की कथा का श्रवण करने से पाप व श्राप से मिलती है मुक्ति

Edited By Jyoti,Updated: 08 Jun, 2022 05:17 PM

mahesh navami 2022

08 जून दिन शुक्रवार को महेश नवमी का पर्व मनाया जाएगा। इससे पहले हम आपको बता चुके हैं इस दिन से जुड़े उपाय व पूजन विधि। अब हम आपको बताने जा रहे हैं महेश नवमी से जुड़ी कथा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
08 जून दिन शुक्रवार को महेश नवमी का पर्व मनाया जाएगा। इससे पहले हम आपको बता चुके हैं इस दिन से जुड़े उपाय व पूजन विधि। अब हम आपको बताने जा रहे हैं महेश नवमी से जुड़ी कथा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन न केवल शिव जी की पूजा करने का महत्व है बल्कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो व्यक्ति इस दिन आगे दी गई कथा का श्रवण आदि करता है तो उसके जीवन में से तमाम दुख दर्द मिट जाते हैं। इसके अलावा कहा जाता है कि महेश नवमी का पर्व श्राप से मुक्ति व मनोकामनाओं की पूर्ति करता है। जो भी भक्त इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं तथा तमाम पापों व कष्टों से छुटकारा मिलती है।
Mahesh Navami 2022, Mahesh Navami Date 2022, Mahesh Navami 2022 Pujan Vidhi, Mahesh Navami 2022 Muhurat, Lord Shiva, Maa Parvati, Mahesh Navami Katha, Mahesh Navami Katha in hindi, Dharm
आइए अब जानते हैं महेश नवमी से जुड़ी धार्मिक कथा- 
पौराणिक मान्यता के अनुसार, एक बार खडगलसेन नाम के एक राजा थे। उनकी कोई संतान नहीं हो रही थी। लाख कोशिशों के बाद भी जब पुत्र की प्राप्ति नहीं हुई तो उन्होंने घोर तपस्या की। उसके उपरांत उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई। उस पुत्र का नाम उन्होंने सुजान कंवर रखा। साथ ही साथ ऋषियों ने उन्हें यह भी बताया कि सुजान कंवर को 20 साल तक उत्तर दिशा की ओर न जाने दिया जाए। धीरे-धीरे राजकुमार बड़े हुए। उन्हें युद्ध कला और शिक्षा का ज्ञान दिया गया। राजकुमार का रुझान बचपन से ही जैन धर्म की तरफ ज्यादा था। उन्होंने जैन धर्म के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। एक दिन राजकुमार अपने 72 सैनिकों के साथ शिकार खेलने के लिए निकल गए। जंगल में भटकते भटकते वह उत्तर दिशा की ओर मुड़ गए। सैनिकों ने उन्हें मना किया। लेकिन फिर भी वह नहीं माने। जंगल के बीच में उत्तर दिशा की तरफ एक ऋषि तपस्या कर रहे थे। 
Mahesh Navami 2022, Mahesh Navami Date 2022, Mahesh Navami 2022 Pujan Vidhi, Mahesh Navami 2022 Muhurat, Lord Shiva, Maa Parvati, Mahesh Navami Katha, Mahesh Navami Katha in hindi, Dharm
राजकुमार के वहां पहुंचते ही ऋषि की तपस्या भंग हुई। राजकुमार ने ऋषि के आश्रम में हो रहे यज्ञ को अपने सैनिकों के द्वारा खंडित कर दिया। इससे क्रोधित होकर ऋषि ने राजकुमार को श्राप दे दिया। श्राप देते ही राजकुमार पत्थर के बन गए। उनके साथ-साथ जितने भी सिपाही उनके साथ थे वह सभी पत्थर में तब्दील हो गए। यह समाचार जब राजधानी पहुंचा, तो सभी लोग बहुत दुखी हुए। जब राजकुमार की पत्नी को यह समाचार मिला तो तब राजकुमार की पत्नी चंद्रावती ने सभी सैनिकों की पत्नियों के साथ जंगल में जाकर ऋषि से माफी मांगी और उनसे अपने पति को श्राप मुक्त करने के लिए कहा। ऋषि ने कहा मेरा श्राप मिथ्या नहीं हो सकता। 

लेकिन अगर तुम आपने पति को श्राप से मुक्त करवाना चाहती हो तो भगवान महेश यानि कि महादेव और माता पार्वती की पूजा करें। तो आप के पतियों को जीवनदान मिल सकता है। इतना सुनकर राजकुमारी चंद्रावती ने सभी सैनिकों की पत्नियों के साथ मिलकर महादेव की पूजा अर्चना प्रारंभ की। देवाधिदेव महादेव और माता पार्वती इस पूजा से बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने राजकुमार सुजान कंवर और उनके 72 सैनिकों को जीवनदान दिया व श्राप से मुक्ति हो गए। जिस दिन राजकुमार व अन्य सैनिक श्राप से मुक्त हुए उस दिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि थी। इसके बाद राजकुमार ने अहिंसा का मार्ग अपना लिया। सुजान कंवर ने वैश्य धर्म अपनाया व महेश के नाम से महेश्वरी समाज बनाया। इस तरह महेश्वरी समाज की उत्पत्ति और इस तरह हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी के नाम से जाना जाता है और इस दिन भगवान शिव व मां पार्वती की पूजा की जाती है।
Mahesh Navami 2022, Mahesh Navami Date 2022, Mahesh Navami 2022 Pujan Vidhi, Mahesh Navami 2022 Muhurat, Lord Shiva, Maa Parvati, Mahesh Navami Katha, Mahesh Navami Katha in hindi, Dharm


 

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!