Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Jan, 2021 01:01 AM
मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को श्रवण नक्षत्र में मनाया जाएगा। इस बार मकर संक्रांति का पुण्य काल आठ घंटे का रहेगा। सुबह 8.30 बजे से शाम 5.46 तक मकर संक्रांति का पुण्य काल रहेगा।
When is Makar Sankranti celebrated: मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को श्रवण नक्षत्र में मनाया जाएगा। इस बार मकर संक्रांति का पुण्य काल आठ घंटे का रहेगा। सुबह 8.30 बजे से शाम 5.46 तक मकर संक्रांति का पुण्य काल रहेगा। सूर्य को प्रसन्न करने के लिए उन्हें सूर्योदय के समय अर्ध्य देने के साथ आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है।
2021 Makar Sankranti: मकर सक्रांति इस बार बेहद शुभ और मंगलकारी योग में आई है, जब 5 ग्रहों का मकर राशि में संगम होगा और कई राशियों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी। सूर्य, चंद्रमा , शनि, बुध व गुरु इन पांच ग्रहों का मकर राशि में संगम होगा । इनमें चंद्र, गुरु व बुध को सुख व तरक्की देने वाला ग्रह माना जाता है। ज्योतिष में इन ग्रहों का एक साथ आना सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
Significance of Having Khichdi: मकर संक्रांति को उत्तर भारत के कुछ इलाकों में खिचड़ी के पर्व के रूप में मनाते हैं तो वहीं दक्षिण भारत के तमिलनाडु व केरल में इसे पोंगल के रूप में मनाते हैं। इस दिन लोग प्रात: नदी में स्नान करने के बाद अग्निदेव व सूर्यदेव की पूजा करते हैं। मंदिरों व ब्राह्मणों व गरीबों को दान देते हैं। इसके बाद तिल के लड्डू, खिचड़ी और पकवानों की मिठास के साथ मकर संक्रांति का पर्व मनाते हैं। गुजरात और दिल्ली समेत देश के कई इलाकों में आज के दिन लोग पतंगबाजी भी करते हैं।
Makar Sankranti Ka Mahatva: मकर संक्रांति को मौसम में बदलाव का सूचक भी माना जाता है। आज से वातारण में कुछ गर्मी आने लगती है और फिर बसंत ऋतु के बाद ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है। दिन लंबे और रात छोटी होने लगती है।
गुरमीत बेदी
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