मंगल-केतु की युति 6 माह, भूकंप व दुर्घटनाओं की संभावना

Edited By Jyoti,Updated: 13 May, 2018 10:35 AM

mangal and ketu effects

मंगल तथा केतु की मकर राशि में 2 मई से युति हो चुकी है। अभी दोनों ग्रह डिग्री अनुसार एक-दूसरे से दूरी पर चल रहे हैं परन्तु जैसे ही डिग्री अनुसार दोनों एक-दूसरे के निकट आएंगे तो काफी हिलजुल वैश्विक स्तर पर दिखाई देगी।

जालंधर: मंगल तथा केतु की मकर राशि में 2 मई से युति हो चुकी है। अभी दोनों ग्रह डिग्री अनुसार एक-दूसरे से दूरी पर चल रहे हैं परन्तु जैसे ही डिग्री अनुसार दोनों एक-दूसरे के निकट आएंगे तो काफी हिलजुल वैश्विक स्तर पर दिखाई देगी।

मुम्बई के प्रमुख ज्योतिषी डा. धर्मेश मेहता ने कहा है कि मंगल इच्छाओं का द्योतक ग्रह है। यह भौतिक इच्छाओं के साथ जुड़ा हुआ है, जबकि केतु ग्रह किसी चीज की आकांक्षा को दर्शाता है। केतु का भौतिक इच्छाओं के साथ संबंध नहीं है। डा. मेहता ने कहा कि दोनों ग्रह कालपुरुष की 10वीं राशि में हैं इसलिए यह राशि व्यक्ति के मान-सम्मान से भी जुड़ी है। 

उन्होंने कहा कि 2 मई से लेकर 6 नवम्बर तक मंगल तथा केतु की युति रहने वाली है जो कई बार सरकारों पर असर डालेगी तो वहीं वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी इसका कुछ न कुछ असर अवश्य पडऩे वाला है। 5 व 6 जून को मंगल तथा केतु की युति डिग्री अनुसार एक साथ होगी इसलिए इस समय के आसपास भूकम्प, दुर्घटनाओं व ग्रिकांडों से नुक्सान होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। दोनों ग्रहों की युति मकर राशि में हो रही है। मकर राशि राजनीति, मान-सम्मान तथा देश के शासक को दर्शाती है इसलिए मंगल-केतु की युति का असर देश के शासक पर पडऩा स्वाभाविक है। 

मंगल अभी तो मार्गी होकर मकर राशि में आगे बढ़ रहा है परन्तु कुछ समय बाद यह वक्री अवस्था में आ जाएगा तथा 16 से 20 जुलाई तक मंगल व केतु की युति पुन: आपस में होगी। मंगल इस समय केतु को नियंत्रित करने में सफल रहेगा क्योंकि केतु भी वक्री अवस्था में रहता है। दोनों वक्री ग्रह इस समय अधिक नुक्सान नहीं करेंगे। व्यक्तिगत तौर पर भी लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन इन 6 महीनों में देखने को मिलेंगे। मकर वायु राशि है इसलिए वातावरण में भी कई परिवर्तन होंगे। जब दोनों ग्रह एक-दूसरे के निकट होंगे तो गर्मी का प्रकोप बढ़ेगा, अग्रिकांड की घटनाएं होंगी तथा बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि के योग भी बन सकते हैं। मंगल व केतु की युति अचानक परिवर्तन के योग भी बनाएगी जिसकी मनुष्य को उम्मीद नहीं होती है।
 

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